दिल्ली की एक अदालत ने आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी शुक्रवार को खारिज कर दी. वहीं गुरुवार को आबकारी नीति से जुड़े सीबीआई वाले मामले में भी सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी.
विशेष न्यायाधीश एम. के. नागपाल ने यह कहते हुए सिसोदिया को राहत देने से इनकार कर दिया कि यह उन्हें जमानत देने के लिए उपयुक्त समय नहीं है. न्यायाधीश ने सिसोदिया की याचिका पर दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था, जिनमें दावा किया गया था कि जांच के लिए उनकी हिरासत की अब आवश्यकता नहीं है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने याचिका का विरोध किया था और कहा था कि जांच ‘‘महत्वपूर्ण’’ चरण में है.
संघीय एजेंसी ने यह भी कहा था कि उसे कथित अपराध में उनकी मिलीभगत के नए सबूत मिले हैं. अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार को लेकर दर्ज मामले में 31 मार्च को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी