मनीष सिसोदिया का आरोप : भारत बायोटेक ने दिल्ली को कोवैक्सीन का डोज देने से किया इनकार, बंद करने पड़े 100 टीकाकरण केंद्र
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने यह आरोप मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस अपील के बाद आया है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार को वैक्सीन निर्माण करने वाले फार्मूले को अन्य दवा कंपनियों को देकर वैक्सीन के उत्पादन में तेजी लाने का सुझाव दिया है. उनके इस सुझाव के बाद देश के आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कोरोना टीका बनाने के लिए फार्मूला साझा करने की मांग की है.
नई दिल्ली : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को एक बार फिर देश में कोरोना वैक्सीन निर्माता कंपनियों पर समुचित मात्रा में टीके की आपूर्ति नहीं करने का आरोप लगाया है. उन्होंने आयोजित एक प्रेसवार्ता में केंद्र सरकार पर भी टीका की आपूर्ति में बाधा डालने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि किस राज्य को कितने टीके की आपूर्ति की जाएगी, यह मामला अब भी केंद्र सरकार ही तय कर रही है.
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने यह आरोप मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस अपील के बाद आया है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार को वैक्सीन निर्माण करने वाले फार्मूले को अन्य दवा कंपनियों को देकर वैक्सीन के उत्पादन में तेजी लाने का सुझाव दिया है. उनके इस सुझाव के बाद देश के आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कोरोना टीका बनाने के लिए फार्मूला साझा करने की मांग की है.
सिसोदिया ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कोवैक्सीन का निर्माण करने वालों ने हमें स्पष्ट तौर पर यह कह दिया है कि वे हमें और खुराक नहीं दे सकते. उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन की आपूर्ति नहीं होने से दिल्ली में कई टीकाकरण केंद्र बंद करने पड़े हैं. उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन’ का निर्माण करने वालों ने हमें लिखा है कि वे संबंधित सरकारी अधिकारियों के निर्देशानुसार आपूर्ति कर रहे हैं.
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि कोवैक्सीन का निर्माण करने वाली कंपनी की चिट्ठी यह साफ करती है कि केंद्र सरकार ही यह फैसला करती है कि किस राज्य को टीके की कितनी खुराक मिलेगी. उन्होंने कहा कि हमने 17 स्कूलों में उन 100 केंद्रों को बंद कर दिया है, जहां कोवैक्सीन टीका लगाया जा रहा था.
उन्होंने कहा कि हम केंद्र से अनुरोध करते हैं कि वह स्थिति की गंभीरता समझे, टीकों का निर्यात बंद करे और टीके का ‘फॉर्मूला’ अन्य कंपनियों के साथ भी साझा करे. हम केंद्र से यह भी आग्रह करते हैं कि भारत में अंतरराष्ट्रीय बाजार में मौजूद अन्य टीकों के इस्तेमाल को मंजूरी दे, राज्यों को तीन महीने के अंदर सभी को टीके लगाने का निर्देश दे.
Posted by : Vishwat Sen