नई दिल्ली : नए संसद भवन की छत पर लगे राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने शायराना अंदाज में केंद्र की मोदी सरकार पर वार किया है. उन्होंने बुधवार को ऐसा ट्वीट किया, जिसके निहितार्थ उन्होंने स्पष्ट नहीं किये. मनीष तिवारी ने अपने कहा, ‘जब शेर को जंजीर से बांधने की कोशिश की जाती है, तो एक ही चीज होती है कि जंजीर टूट जाती है.’ तिवारी ने कुछ दिन पहले ही अग्निपथ योजना के मुद्दे पर अपनी पार्टी से अलग रुख व्यक्त किया था.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी का यह ट्वीट ऐसे समय में आया है, जब नए संसद भवन की छत पर सोमवार को राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किया गया और विपक्ष ने सरकार पर इसमें शेरों के स्वरूप को बदलकर इसे बिगाड़ने का आरोप लगाया. भाजपा ने विपक्ष की आलोचना को खारिज कर दिया है. तिवारी ने इससे पहले ‘मनीष तिवारी को कांग्रेस का सुब्रमण्यम स्वामी कहा जा रहा है’ शीर्षक वाले लेख पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर लिखा था, ‘इस तरह की बकवास करने वाले सज्जन को पता होना चाहिए कि स्वामी यदि कुछ नहीं तो भी विकट विरोधी हैं.’
Ever tried putting a lion on a leash. Only one thing happens the leash breaks !
— Manish Tewari (@ManishTewari) July 13, 2022
मनीष तिवारी ने रक्षा संबंधित परामर्श समिति के सदस्य के नाते सोमवार को अग्निपथ योजना की वापसी की मांग करने वाले छह विपक्षी सांसदों के एक बयान पर हस्ताक्षर नहीं किये थे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जब रक्षा पर संसदीय परामर्श समिति के सदस्यों के सामने प्रस्तुतिकरण दिया, तो कांग्रेस के शक्तिसिंह गोहिल और रजनी पाटिल, एनसीपी की सुप्रिया सुले, टीएमसी के सौगत राय और सुदीप बंदोपाध्याय और राजद के एडी सिंह ने उन्हें हाथ से लिखा नोट दिया.
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सूत्रों ने कहा था कि अग्निपथ योजना की सार्वजनिक तारीफ करने वाले और इसे सशस्त्र बलों में अत्यावश्यक सुधार बताने वाले तिवारी ने अपनी पार्टी से विरोधाभासी रुख अपनाया था. कांग्रेस ने तिवारी के बयान को निजी बताते हुए कहा था कि यह पार्टी का रुख नहीं झलकाता. कांग्रेस ने सशस्त्र बलों में अग्निपथ भर्ती योजना का विरोध किया है. वहीं, तिवारी ने कहा कि यह समय की जरूरत है, क्योंकि कई अन्य देशों की सेनाओं ने भी ऐसा किया है. सूत्रों ने यह भी कहा था कि तिवारी ने बैठक में पूछा कि क्या योजना किसी भी तरह पेंशन विधेयक को प्रभावित करती है या नहीं.