Manmohan Singh Death: यूनिवर्सिटी टॉपर, आर्थिक सलाहकार, नेता विपक्ष… जानिए मनमोहन सिंह के बेमिसाल सफर के बारे में

Manmohan Singh Death: देश के पूर्व पीएम और प्रख्यात अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह का गुरुवार रात 9.51 बजे निधन हो गया. आइये उनके बेमिसाल सफर के बारे में जानते हैं.

By Paritosh Shahi | December 26, 2024 11:20 PM

Manmohan Singh Death: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Former PM Manmohan Singh) का गुरुवार रात दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. वह अपने घर पर अचेत हो गए थे इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्होंने रात 9.51 बजे अंतिम सांस ली. वह साल 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे थे. साल 1991 में मनमोहन सिंह की राजनीति में एंट्री हुई जब 21 जून को पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया. उस समय देश एक गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था. पी.वी. नरसिंह राव के साथ मिलकर उन्होंने विदेशी निवेश का रास्ता साफ किया था. वित्त मंत्री रहते उन्होंने देश में आर्थिक उदारीकरण की नीतियों को लागू किया, जिससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिला और भारत को विश्व बाजार से जोड़ा जा सका.

बेमिसाल रहा सफर

डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को पश्चिमी पंजाब के गाह में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है. उनके पिता का नाम गुरमुख सिंह और मां का नाम अमृत कौर था. उन्होंने 1952 और 1954 में पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और मास्टर्स की डिग्री हासिल की. एमए इकोनॉमिक्स में वह यूनिवर्सिटी टॉपर रहे थे. उन्होंने 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपना इकोनॉमिक्स ट्रिपोस पूरा किया. इसके बाद उन्होंने साल 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल. की डिग्री हासिल की.

मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ाई की. 1971 में वह विदेश व्यापार मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार नियुक्त किए गए. 1972 से 1976 तक वह वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे. डॉ. मनमोहन सिंह 1976 से 1980 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे थे. अप्रैल 1980 से सितंबर 1982 तक वह योजना आयोग के सदस्य सचिव रहे. सितंबर 1982 से जनवरी 1985 तक वह एक बार फिर रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे. जनवरी 1985 से जुलाई 1987 तक वह योजना आयोग के उपाध्यक्ष के पद पर रहे. इसके बाद वह 1987 से 1990 तक जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव रहे

मनमोहन सिंह 1991 में पहली बार असम से राज्यसभा के सांसद चुने गए. उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कई सुधार किए, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर हुई. वह 1998 से 2004 तक विपक्ष के नेता भी रहे. साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली जीत के बाद उन्होंने 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. उन्होंने यूपीए-1 और 2 में प्रधानमंत्री का पद संभाला. मनमोहन सिंह ने पहली बार 22 मई 2004 और दूसरी बार 22 मई, 2009 को प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली.

कई पुरस्कारों से हुए सम्मानित

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. उन्हें साल 1987 में पद्म विभूषण, साल 1993 में वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी पुरस्कार, 1993 और 1994 में वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी पुरस्कार और 1995 में भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

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