PM Narendra Modi Last Mann Ki Baat Of 2020 नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर करीब एक महीने से किसानों के जारी प्रदर्शन के बीच रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आकाशवाणी पर प्रसारित किये जाने वाले कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में गीता का जिक्र करते हुए कहा कि गीता भगवान श्रीकृष्ण की वाणी है. गीता जीवन के हर संदर्भ में प्रेरणा देती है. पीएम मोदी ने गुरु तेग बहादुर जी और गुरु गोविंद सिंह जी को भी नमन किया.
PM मोदी ने कहा कि साथियों हमें Vocal4Local की भावना को बनाये रखना है, बचाए रखना है और बढ़ाते ही रहना है. आप हर साल New Year Resolutions लेते हैं. इस बार एक Resolution अपने देश के लिए भी जरुर लेना है. मैं देश के Manufacturers और Industry leaders से आग्रह करता हूं, देश के लोगों ने मजबूत कदम उठाया है और आगे बढ़ाया है. Vocal4Local ये आज घर-घर में गूंज रहा है. ऐसे में अब यह सुनिश्चित करने का समय है कि हमारे Products विश्वस्तरीय हों.
मन की बात कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने दिल्ली में रहने वाले अभिनव बैनर्जी जी ने दिलचस्प अनुभव को भी साझा किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण दुनिया में Supply Chain को लेकर अनेक बाधाएं भी आयी, लेकिन हमने हर संकट से नये सबक लिए. उन्होंने कहा कि अधिकतर पत्रों में लोगों ने देश के सामर्थ्य, देशवासियों की सामूहिक शक्ति की भरपूर प्रशंसा की है. जब जनता कर्फ्यू जैसा अभिनव प्रयोग, पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बना, जब ताली-थाली बजाकर देश ने हमारे कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया था. एकजुटता दिखाई थी उसे भी कई लोगों ने याद किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चार दिन बाद नया साल शुरू होने वाला है. अगले साल अगली मन की बात होगी. उन्होंने कहा कि देश में नया सामर्थ्य पैदा हुआ है. इस नयी सामर्थ्य का नाम आत्मनिर्भरता है, देश में बने खिलौनों की मांग बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत में शेरों की आबादी बढ़ी है. बाघों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. साथ ही भारतीय वनक्षेत्र में भी इजाफा हुआ है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में तेंदुओं की संख्या में 2014 से 2018 के बीच 60 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. तेदुओं की सबसे ज्यादा आबादी मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में है.
गौर हो कि पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम के दौरान किसान संगठनों ने ताली और थाली बजाकर कार्यक्रम का विरोध करने की घोषणा की थी. कुछ किसान संगठनों ने पहले ही सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह इस कार्यक्रम का विरोध जतायेंगे. कृषि कानून के खिलाफ पिछले एक महीने से दिल्ली बॉर्डर पर लगातार अपना विरोध जता रहे किसानों की सीधी मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस लें, नहीं तो वो इसी तरह आंदोलन पर डटे रहेंगे.
उधर, पीएम मोदी ने इस बीच किसानों को कृषि कानून के बारे में जानकारी देते हुए इससे किसी प्रकार का नुकसान नहीं होने की बात की है. लेकिन, किसान अपनी मांग पर डटे हुए हैं. पीएम मोदी ने बिना किसी पार्टी और नेता का नाम लिये कहा कि देश के किसानों को गुमराह किया गया है. जो कुछ नहीं बल्कि एक गंदी राजनीति करने का तरीका है. उम्मीद की जा रही है कि पीएम मोदी एक बार फिर अपने मन की बात कार्यक्रम में कृषि कानून को लेकर बात कर सकते हैं.
Upload By Samir Kumar