‘मन की बात’ में बोले पीएम मोदी- मुझे क्षमा कर दें ! लॉकडाउन के कारण दिक्कत तो हो रही है लेकिन जरूरी था

Mann Ki Baat: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों से 'मन की बात' कर रहे हैं.

By Amitabh Kumar | March 29, 2020 11:48 AM

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों से ‘मन की बात’ कर रहे हैं. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज कोरोना की बात करना ठीक होगा. हमें कई ऐसे निर्णय लेने पड़े जिससे आपको परेशानी हुई. हो सकता है, बहुत से लोग मुझसे नाराज होंगे कि ऐसे कैसे सबको घर में बंद कर रखा है. मैं आपकी दिक्कतें समझता हूं, लेकिन भारत को, कोरोना के खिलाफ़ जीतने के लिए, ये कदम उठाये बिना कोई रास्ता नहीं था. मैं फिर एक बार, आपको जो भी असुविधा हुई है, कठिनाई हुई है, इसके लिए क्षमा मांगता हूं.

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस ने दुनिया को क़ैद कर दिया है. ये ना तो राष्ट्र की सीमाओं में बंधा है, न ही कोई क्षेत्र देखता है और न ही कोई मौसम इसलिए लोगों को, इसे ख़त्म करने के लिए एकजुट होकर संकल्प लेना होगा. मैं जानता हूं कि कोई कानून नहीं तोड़ना चाहता, लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं क्योंकि अभी भी वो स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहे. अगर आप लॉकडाउन का नियम तोड़ेंगे तो वायरस से बचना मुश्किल होगा.

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में बहुत से लोगों को कुछ इसी तरह की खुशफ़हमी थी. आज ये सब पछता रहे हैं. बीते दिनों में मैंने ऐसे कुछ लोगों से फ़ोन पर बात की है, उनका उत्साह भी बढ़ाया है और उनसे बातें करके मेरा भी उत्साह बढ़ा है. मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लड़ाई के योद्धा ऐसे हैं जो घरों में नहीं, बल्कि बाहर रहकर वायरस का मुकाबला कर रहे हैं, Front Line Soldiers, नर्सेज, डॉक्टर, PARA-MEDICAL STAFF, ऐसे साथी, जो कोरोना को पराजित कर चुके हैं, उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए.

पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान एक संक्रमण पीडित का जिक्र किया और कहा कि साथियो जैसा कि राम ने बताया कि उन्होंने हर उस निर्देश का पालन किया जो इनको कोरोना की आशंका होने के बाद डॉक्टरों ने दिये, इसी का परिणाम है कि आज वो स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीते दिनों में मैंने ऐसे कुछ लोगों से फ़ोन पर बात की है, उनका उत्साह भी बढ़ाया है और उनसे बातें करके मेरा भी उत्साह बढ़ा है. मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है.

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया का अनुभव बताता है कि इस बीमारी से संक्रमित व्यक्तियों कि संख्या अचानक बढती है. अचानक होने वाली इस वृद्धि की वजह से विदेशों में हमने अच्छे से अच्छे स्वास्थ्य सेवा को जवाब देते हुए देखा है. साथियों, हम मेडिकल स्तर पर इस महामारी से कैसे निपट रहे हैं इसके अनुभव जानने के लिए मैंने कुछ डाक्टरों से बात की जो इस लड़ाई में पहली पंक्ति में मोर्चा संभाले हुए हैं. भारत में ऐसी स्थिति न आये इसके लिए ही हमें निरंतर प्रयास करना है.

उन्होंने कहा कि आज जब मै डाक्टरों का त्याग़, तपस्या, समर्पण देख रहा हूं तो मुझे आचार्य चरक की कही हुई बात याद आती है. आचार्य चरक ने डाक्टरों के लिए बहुत सटीक बात कही है. ये संयोग है कि वर्ष 2020 को विश्व International Year of the Nurse and Midwife के तौर पर मना रहा है. इसका सबंध 200 वर्ष पूर्व 1820 में जन्मी #FlorenceNightingale से जुड़ा हुआ है,जिन्होंने नर्सिंग को एक नयी पहचान दी. दुनिया की हर Nurse के सेवा भाव को समर्पित ये वर्ष निश्चित तौर पर नर्सिंग समुदाय के लिए बहुत बड़ी परीक्षा की घड़ी बन कर आया है. मुझे विश्वास है कि आप सभी इस इम्तिहान में ना सिर्फ सफल होंगी बल्कि अनेकों जीवन भी बचाएंगी. आप जैसे तमाम साथियों के हौसले और जज़्बे के कारण ही इतनी बड़ी लड़ाई हम लड़ पा रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस जंग में हमारे आसपास ऐसे अनेक लोग हैं जो समाज के Real Hero हैं और इस परिस्थिति में भी सबसे आगे खड़े हैं. मुझे NarendraModi App पर बेंगलुरु के निरंजन सुधाकर हेब्बाले जी ने लिखा है कि ऐसे लोग Daily-Life Heroes हैं. आगे उन्होंने कहा कि आपने देखा होगा, बैंकिंग सेवाओं को सरकार ने चालू रखा है और बैंकिंग-क्षेत्र के लोग पूरे मन से इस लड़ाई का नेतृत्व करते हुए आपकी सेवा में मौजूद हैं. आज के समय, ये सेवा छोटी नहीं है.

पीएम मोदी ने कहा कि कई लोगों ने virus के कोई लक्षण नहीं होने पर भी ख़ुद को quarantine किया. ऐसा इसलिए किया क्योंकि वे विदेश से लौट करके आये हैं, इसलिए जब लोग ख़ुद इतनी ज़िम्मेदारी दिखा रहे हैं तो उनके साथ ख़राब व्यवहार करना जायज़ नहीं है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने का कारगर तरीका सोशल डिस्टेंसिंग है. हमें समझना होगा कि सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब सोशल इंटरेक्शन खत्म करना नहीं बल्कि ये समय सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ाने और इमोशनल घटाने का है. सोशल मीडिया में ही मैंने देखा, कि कुछ लोगो ने, वर्षों से घर में पड़े तबला, वीणा, जैसे संगीममय चीजों को निकालकर रियाज़ करना शुरू कर दिया है. आप भी ऐसा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक नवरात्रि के उपवास की बात है, ये मेरी और शक्ति के, भक्ति के, बीच का विषय है. जहां तक फिटनेस की बात है, मुझे लगता है कि बात लम्बी हो जाएगी, मैं सोशल मीडिया में क्या करता हूं उस विषय में वीडियो अपलोड करूंगा.

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