करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज के बाद खट्टर को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं, शिव सेना ने बोला हमला
पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक बैठक के विरोध में करनाल की ओर जा रहे किसानों के एक समूह पर लाठीचार्ज किया.
नयी दिल्ली : शिवसेना ने किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर हरियाणा सरकार पर निशाना साधा है. शिवसेना ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई “दूसरे जलियांवाला बाग” की तरह थी. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमृतसर में पुनर्निर्मित जलियांवाला बाग परिसर का उद्घाटन कर रहे थे, तब हरियाणा में दूसरा जलियांवाला बाग हो रहा था. सरकार द्वारा बोए जा रहे क्रूरता के बीज खट्टे फल देंगे. यह पक्का है.
शिवसेना ने कहा मनोहर लाल खट्टर सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. शनिवार को, पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक बैठक के विरोध में करनाल की ओर जा रहे किसानों के एक समूह पर लाठीचार्ज किया. इस बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, राज्य भाजपा प्रमुख ओम प्रकाश धनखड़ और अन्य नेताओं ने भाग लिया. पुलिस कार्रवाई में कम से कम 10 लोग घायल हो गये.
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की घटना का जिक्र करते हुए शिवसेना ने यह भी सवाल किया कि हरियाणा में शनिवार की घटना पर महाराष्ट्र सरकार के आलोचक चुप क्यों रहे. शिवसेना ने कहा कि हरियाणा में किसानों के सिर पर लाठीचार्ज किया गया क्योंकि उन्होंने सीएम खट्टर के खिलाफ नारे लगाये थे. एक केंद्रीय मंत्री महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पर हमला करने की बात करता है और जब उसके खिलाफ कानूनी रूप से कार्रवाई की जाती है, तो राज्य सरकार को असहिष्णु कहा जाता है.
शिवसेना ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध पर केंद्र को पत्थरबाज भी कहा और कहा कि पीएम मोदी उन किसानों से नहीं मिले हैं, जो कानून को हटाने की मांग कर रहे हैं, जो दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे हैं. इस बीच, हरियाणा सरकार के एक अधिकारी का वीडियो भी वायरल हुआ है. करनाल के अनुविभागीय दंडाधिकारी आयुष सिन्हा को एक वीडियो में शनिवार को पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनकारियों का सिर तोड़ने का आदेश देते हुए सुना गया था.
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला सहित हरियाणा के कई राजनीतिक नेताओं ने अधिकारी की टिप्पणी की निंदा की है. चौटाला ने सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया और कहा कि उनकी टिप्पणियां अधिकारियों से अपेक्षित नैतिक मानकों को पूरा नहीं करती हैं.
Posted By: Amlesh Nandan.