दिल्ली हिंसा के आरोपितों की सूची में शामिल कई लोगों पर पहले से ही दर्ज हैं हत्या समेत अन्य आपराधिक मामले
Delhi violence, Delhi violence accused, criminal cases : नयी दिल्ली : नये कृषि कानून के विरोध में गणतंत्र दिवस के दिन आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने सीसीटीवी और तस्वीरों के जरिये आरोपितों को ढूंढ़ने में जुटी है. बताया जाता है कि दिल्ली पुलिस ने दो सौ से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इनमें से कई लोगों पर पहले से ही आपराधिक मामले दर्ज हैं.
नयी दिल्ली : नये कृषि कानून के विरोध में गणतंत्र दिवस के दिन आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने सीसीटीवी और तस्वीरों के जरिये आरोपितों को ढूंढ़ने में जुटी है. बताया जाता है कि दिल्ली पुलिस ने दो सौ से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इनमें से कई लोगों पर पहले से ही आपराधिक मामले दर्ज हैं.
आरोपितों की धर-पकड़ और गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली पुलिस की टीम पंजाब के जालंधर, लुधियाना, तरनतारन और संगरूर में भी छापेमारी कर रही है. आरोपितों में सबसे बड़ा नाम लक्खा सिधाना का लिया जा रहा है, जो गैंगस्टर से सामाजिक कार्यकर्ता बना है. उस पर दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं.
सीसीटीवी और पुलिस को मिले वीडियो क्लिप व तस्वीरों के कई आरोपितों की पहचान की है. बताया जाता है कि इन आरोपितों पर भी पंजाब में आपराधिक मामले दर्ज हैं. पंजाब पुलिस पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है. आरोपितों को पंजाब पुलिस से सत्यापन कराया गया है.
बताया जाता है कि करीब आधा दर्जन लोगों पर पहले से ही हत्या समेत अन्य आपराधिक मामले दर्ज हैं. हिंसा में शामिल कई प्रदर्शनकारी दिल्ली निवासी भी हैं. मालूम हो कि गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान एक हजार से ज्यादा लोगों ने लाल किला परिसर में घुसकर उपद्रव किया और तोड़फोड़ की थी.
इधर, दिल्ली पुलिस के एपीआरओ अनिल मित्तल के मुताबिक, दिल्ली हिंसा में अब तक कुल 38 मामले दर्ज किये गये हैं. वहीं, करीब सात दर्जन लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. फॉरेंसिक टीम को भी लगाया गया है. ट्रैक्टरों के रजिस्ट्रेशन नंबर के जरिये मालिकों की पहचान कर पूछताछ के लिए समन भी भेजा जायेगा.
दिल्ली पुलिस ने भी हिंसा की जांच और छानबीन को लेकर आमलोगों से वीडियो क्लिप, तस्वीर या बयान उपलब्ध कराने की अपील की है. दिल्ली पुलिस के अपराध शाखा के संयुक्त पुलिस आयुक्त बीके सिंह ने कहा है कि किसी भी कार्यदिवस पर पुलिस मुख्यालय में उपलब्ध करा सकते हैं.
इसके अलावा मोबाइल नंबर, लैंडलाइन नंबर या ई-मेल आईडी पर सूचना भेज सकते हैं. साथ ही आश्वस्त किया है कि गवाह की पहचान गुप्त रखी जायेगी.