ओडिशा ट्रेन हादसे में कई लोग रहे खुशकिस्मत, डिब्बे से रेंगकर बाहर निकला घायल व्यापारी, किसी तरह बचाई जान
अचानक हुई टक्कर में पूरे ट्रेन में अफरा तफरी का माहौल हो गया. मणिकल तिवारी एस 1 बोगी में सफर कर रहे थे. उनकी कोच के क्षतिग्रस्त होने के बावजूद मणिकल समेत कई लोग सकुशल बचे रहे. उन्हें चोट आई थी शरीर से खून भी बह रहा था.
Odisha Train Accident: ओडिशा में हुए भयंकर ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई, 747 लोग घायल हुए है जिनमें 56 लोगों की हालत काफी गंभीर है. हालांकि ट्रेन हादसे में कुछ लोग भाग्यशाली रहे हैं. इसी कड़ी में ट्रेन में यात्रा कर रहे व्यापारी मणिकल तिवारी भी भाग्यशाली रहे. हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को कटक जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार होने के बाद मणिकल अपने फोन पर एक वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे. रिकॉर्डिंग के दौरान ही ट्रेन पटरी से उतर गई और खड़ी मालगाड़ी से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई.
अचानक हुई टक्कर में पूरे ट्रेन में अफरा तफरी का माहौल हो गया. मणिकल तिवारी एस 1 बोगी में सफर कर रहे थे. उनकी कोच के क्षतिग्रस्त होने के बावजूद मणिकल समेत कई लोग सकुशल बचे रहे. उन्हें चोट आई थी शरीर से खून भी बह रहा था.वहीं, उनके भाई चंदनलाल ने बताया कि मणिकल तिवारी खून से लथपथ हाथ और सिर से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे. चंदनलाल ने बताया कि मेरा भाई किसी तरह कोच से बाहर निकलने में कामयाब रहा. उन्होंने कहा कि आसपास का दृश्य काफी भयंकर था कई लोगों के शव पड़े थे, कई गंभीर रूप से घायल थे.
हादसे को लेकर पीड़ित ने बताया कि ट्रेन हादसे के बारे में तब पता चला जब स्वास्थ्य केंद्र की ओर से हादसे की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने मेरे भाई के जीवित होने के बारे में सुना तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ, क्योंकि एस1 कोच पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था. पीड़ित ने कहा कि मेरा खून बह रहा था और मैं किसी तरह बोगी से बाहर निकलने में कामयाब रहा. इसी तरह कुछ लोग हादसे से बचने में कामयाब रहे जबकि जिस बोगी पर वो सवार थे वो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी थी.
गौरतलब है कि ओडिशा के बालासोर में बड़े रेल हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई है, जबकि सैकड़ों लोग हादसे में घायल होकर अस्पताल में भर्ती है. बता दें, हादसा बालासोर से करीब 40 किलोमीटर आगे कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन समेत एक और ट्रेन की टक्कर मालगाड़ी से हो गई. वहीं, घटना के बाद पीएम मोदी ने घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया. उन्होंने अस्पताल जाकर भी पीड़ितों का हाल जाना. घायलों को देख पीएम मोदी की आंखों से आंसू तक आ गये.