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JantaCurfew : दिल्‍ली में जनता कर्फ्यू के दौरान छज्जे से NRC, NPR और CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की तैयारी

देशभर के लोग जब कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए दिन रात काम रहे स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और आपातकर्मियों का शुक्रिया अदा करेंगे, तब राष्ट्रीय राजधानी में कुछ लोग एनपीआर का अद्यतन करने के फैसले को वापस लेने की सरकार से मांग करने के लिए अपने घरों के छज्जों, खिड़कियों और दरवाजों पर खड़े होकर तालियां एवं घंटियां बजाएंगे और नारेबाजी करेंगे.

By ArbindKumar Mishra | March 21, 2020 3:53 PM

नयी दिल्ली : देशभर के लोग जब कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए दिन रात काम रहे स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और आपातकर्मियों का शुक्रिया अदा करेंगे, तब राष्ट्रीय राजधानी में कुछ लोग एनपीआर का अद्यतन करने के फैसले को वापस लेने की सरकार से मांग करने के लिए अपने घरों के छज्जों, खिड़कियों और दरवाजों पर खड़े होकर तालियां एवं घंटियां बजाएंगे और नारेबाजी करेंगे.

नागरिक संस्था ‘यूनाइटेड अगेन्स्ट हेट’ ने लोगों से अपील की है कि वे अपने घरों के छज्जों, खिड़कियों और दरवाजों से रविवार को शाम पांच बजे राष्ट्रीय नागरिक पंजी, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन करें.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपने घरों में रहने की अपील की है कि वे रविवार को जनता कर्फ्यू का पालन करें और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए अथक काम कर रहे स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और आपातकर्मियों का शुक्रिया अदा करने के लिए तालियां और घंटियां बजाएं. ‘यूनाइटेड अगेन्स्ट हेट’ के नदीम खान ने कहा, सबसे पहले हम उन लोगों के शुक्रगुजार हैं, जो संक्रमित लोगों की देखभाल कर रहे हैं, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति कर रहे हैं… और इसके बाद हम अपने छज्जों और खिड़कियों से एनआरसी एवं सीएए के खिलाफ पोस्टर दिखाएंगे और सरकार से एक अप्रैल से एनपीआर की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला वापस लेने की मांग करेंगे.

खान ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता विषाणु से निपटना होना चाहिए और हम सब इसी काम में एकजुट हैं. विरोध में भाग लेने की योजना बना रहे इरकान चौधरी ने शिकायत की कि दंगों में अपने घर गंवा चुके करीब 1,200 लोग मुस्तफाबाद में अस्वच्छ परिस्थितियों में रह रहे हैं.

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने लोगों से घरों में रहने को कहा है. वे लोग क्या करेंगे जिनके घर जला दिए गए और लूटे गए? एक सामाजिक कार्यकर्ता परवेज आलम ने कहा कि पूरी दुनिया स्वास्थ्य आपातकाल से संघर्ष कर रही है और सरकार को पहले इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. उन्होंने कहा, मैं प्रधानमंत्री की पहल का स्वागत करता हूं और हम ‘जनता कर्फ्यू’ का पालन करेंगे, लेकिन हम बर्तन बजाकर एनपीआर और सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.

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