एक तरफ जहां पति के शव को अंतिम सलामी दी जा रही थी तो दूसरी तरफ पत्नी की आंखों से निकले आंसू बेबसी बनकर जमीन में समा रहे थे. यह दृश्य देखने वालों की आंखें भी भर आईं. शायद यह पहला मामला है जब किसी पत्नी ने अपने शहीद पति के शव का वीडियो कॉलिंग के जरिये अंतिम संस्कार देखा हो.
शहीद हुए बिलजंग दो महीने पहले ही नेपाल में अपने परिजनों के साथ छुट्टी बिताकर लौटे थे. छुट्टी के बाद बिलजंग की तैनाती भारत चीन की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर की गई थी. 3 दिसंबर को खराब मौसम में गश्त के दौरान बिलजंग बर्फ की खाई में गिर पड़े. कड़े प्रयास के बाद उन्हें निकाला गया लेकिन तब तक वह शहीद हो चुके थे.
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बिलजंग के शहीद होने की सूचना जब नेपाल में उनकी पत्नी व परिजनों को मिली तो परिवार पर गमों का पहाड़ टूट गया. पत्नी दीपा गुरुंग आठ माह की गर्भवती हैं. दूरी ज्यादा होने व दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण दीपा को हिमाचल के सुबाथू में नहीं लाया जा सका. यहां उनके शहीद पति बिलजंग को अंतिम विदाई दी जा रही थी.
शहीद के भाई तुलसी गुरूंग सुबाथू पहुंचे. उन्होंने मोबाइल से वीडियो कॉल कर शहीद की अंतिम यात्रा के दर्शन परिवार को कराए. सुथारू में एक तरफ जहां पति का अंतिम संस्कार चल रहा था वहीं पूरा परिवार नेपाल से वीडियो कॉलिंग के जरिये इस गमगीन दृश्य को देख रहा था. बदनसीबी ही थी कि पत्नी अपने पति का शव देखकर रो रही थी लेकिन उसकी चीख चिता तक नहीं पहुंच पा रही थी. वह पति को देख तो सकती थी लेकिन अंतिम बार छू नहीं सकती थी. वो भी अंतिम बार.
शहीद बिलजंग के पिता अपने बेटे की यूनिट से ही सेवानिवृत्त हुए हैं. जबिक भाई ¼ जीआर में ही जम्मू की सीमा पर तैनात हैं. शहीद के भाई तुलसी गुरुंग ने बताया कि बिलजंग शुरू से ही बहादुर रहा है. वह कभी भी कठिन परिस्थितियों में घबराता नहीं था. परिवार में अधिकांश लोग भारतीय सेना में हैं.