सुप्रीम कोर्ट से मायावती को बड़ी राहत, मूर्ति निर्माण विवाद पर सुनवाई बंद

Mayawati: मायावती ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि मूर्तियों का निर्माण जनता की इच्छा का प्रतिनिधित्व करता है.

By Aman Kumar Pandey | January 16, 2025 2:51 PM
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Mayawati: सुप्रीम कोर्ट ने बसपा सुप्रीमो मायावती को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. यह याचिका 2009 में दाखिल की गई थी, जब मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं. इसमें आरोप लगाया गया था कि उनके कार्यकाल के दौरान सरकारी धन से उनकी और उनकी पार्टी के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियां बनवाई गईं.

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बी वी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर चुनाव आयोग ने पहले ही दिशा-निर्देश जारी किए हैं और मूर्तियों को हटाया नहीं जा सकता, क्योंकि वे पहले ही स्थापित हो चुकी हैं. याचिका में आरोप था कि 2008-09 और 2009-10 के राज्य बजट से 2,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. वकीलों का दावा था कि यह जनता के पैसे की बर्बादी है और चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन है.

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मायावती ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि मूर्तियों का निर्माण जनता की इच्छा का प्रतिनिधित्व करता है. उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारों ने भी अपने नेताओं की मूर्तियां बनवाई हैं, जैसे कांग्रेस ने नेहरू, इंदिरा गांधी, और अन्य नेताओं की प्रतिमाएं स्थापित की हैं. इसके अलावा, गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ और अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति का उदाहरण भी दिया.

मायावती ने अदालत में कहा कि यह याचिका राजनीति से प्रेरित है और सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करने के आरोप को खारिज किया. सुप्रीम कोर्ट ने पहले मायावती को मूर्तियों पर खर्च की गई धनराशि को सरकारी खजाने में जमा करने को कहा था, लेकिन अब इस मामले में सुनवाई बंद कर दी गई है.

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