अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद कल तीन सितंबर को वहां सरकार गठन की संभावना है. तालिबान अपने पांच वरिष्ठ कमांडर्स को सत्ता की कमान सौंप सकता है. इधर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि अफगानी धरती का उपयोग भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ना किया जाये.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक बयान जारी करते हुए कहा कि हमारा ध्यान इस बात पर है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों और किसी भी तरह के आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि तालिबान को मान्यता देने की बात करना अभी जल्दबाजी होगी.
We are not aware of any detail or nature of what kind of govt could be formed in Afghanistan. I have no update on our meeting (with Taliban): MEA Spokesperson Arindam Bagchi pic.twitter.com/OR7v1AuZZM
— ANI (@ANI) September 2, 2021
बागची ने दोहा में तालिबान के वरिष्ठ नेता और भारतीय राजदूत की मुलाकात को अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अफगानिस्तान की धरती का उपयोग भारत के खिलाफ ना किये जाने को लेकर आयोजित बैठक करार दिया. उन्होंने बताया कि हमें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और हम भारतीयों की सुरक्षित वापसी में जुटे हैं.
पीटीआई न्यूज के अनुसार अरिंदम बागची से जब यह पूछा गया कि क्या तालिबान के साथ भारत और बैठकें करेगा, तो उन्होंने कहा कि वह अटकलें नहीं लगाना चाहते और उस सबंध में साझा करने के लिए उनके पास कोई नयी जानकारी नहीं है. तालिबान के साथ संवाद के संभावित पैटर्न के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह हां या ना का सवाल नहीं है. हम बिना सोचे-समझे कुछ भी नहीं करते.
Posted By : Rajneesh Anand