Afghanistan Crisis अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां के हालात लगातार बदल रहे हैं. ऐसे में भारत अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को निकालने में लगा रहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बारे में शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि भारत ने अफगानिस्तान से अब तक 550 लोगों को निकाला है. अरिंदम बागची ने कहा कि नागरिकों की निकासी के दौरान हम अमेरिका और तजाकिस्तान जैसे देशों के संपर्क में थे.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा कि हमने काबुल या दुशांबे से 6 अलग-अलग उड़ानों के जरिए 550 से अधिक लोगों को निकाला है, जिसमें 260 से अधिक भारतीय थे. अरिंदम बागची ने कहा कि भारत सरकार ने अन्य एजेंसियों के द्वारा भी भारतीय नागरिकों को अफगानिस्तान से निकाला है. उन्होंने कहा कि कुछ और लोगों की अफगानिस्तान में होने की संभावना है, लेकिन कितने लोग होंगे इसकी कोई सटीक संख्या नहीं है.
The last flight had 40 odd people. We were hearing reports that Afghan nationals were facing difficulties in reaching airport. We know some Afghan nationals, including Afghan Sikhs & Hindus, couldn't reach airport on Aug 25. Our flight had to come without them: MEA spokesperson pic.twitter.com/bWtUJA4Pfb
— ANI (@ANI) August 27, 2021
प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ऐसी खबरें सामने आ रही थी कि अफगान नागरिकों को हवाईअड्डे तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है. हम जानते हैं कि अफगान सिख और हिंदू सहित कुछ अफगान नागरिक 25 अगस्त को हवाई अड्डे पर नहीं पहुंच सके. हमारी उड़ान उनके बिना आनी थी. वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अफगानिस्तान में कल हुए आतंकी घटना पर अभी हम कुछ नहीं बोल सकते हैं. हमें अभी नहीं पता यह हमला कैसे हुआ है. हमें लगता है कि इस्लामिक स्टेट ने हमले कि जिम्मेदारी ली है.
अरिंदम बागची ने कहा कि अभी हम देख रहे हैं कि वहां पर क्या परिस्थिति बन रही है. इससे पहले भारत ने बृहस्पतिवार को काबुल हवाई अड्डे के पास हुए घातक बम धमाकों की कड़ी निंदा की और कहा कि इन धमाकों ने एक बार फिर उस आवश्यकता को उजागर किया है कि आतंक के विरुद्ध दुनिया को एक साथ आने की जरूरत है.
विदेश मंत्रालय ने ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत लौटे लोगों में से अधिकांश हिंदू और सिख समुदाय के लोग हैं. अरिंदम बागची ने कहा कि वापसी के दौरान हमारा ध्यान मुख्य रूप से भारतीय नागरिकों पर था, लेकिन हमने उन अफगानी नागरिकों का भी साथ दिया जो हमारे साथ खड़े रहे. अफगानिस्तान के हालात पर उन्होंने कहा कि वहां स्थिति काफी गंभीर है और जमीनी हालात अनिश्चित बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता लोगों को वहां से बाहर निकालने की है. उन्होंने कहा कि जो संस्था काबुल में सरकार बनाने का दावा करती है उसके बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है.
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