मणिपुर वायरल वीडियो मामले की जांच करेगी CBI, गृह मंत्रालय भेजेगा प्रस्ताव
मणिपुर वायरल वीडियो मामले की जांच अब सीबीआई करेगी. खबरों की मानें तो गृह मंत्रालय इस मामले को अब सीबीआई को भेजेगा.
Manipur Viral Video Case To CBI : मणिपुर वायरल वीडियो मामले की जांच अब सीबीआई करेगी. खबरों की मानें तो गृह मंत्रालय इस मामले को अब सीबीआई को भेजेगी. खबरें ऐसी भी है कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर वायरल वीडियो मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर कराने का अनुरोध करेगा. चूंकि राज्य में अभी भी शांति व्यवस्था पूरी तरह से बहाल नहीं हो पायी है और छिटपुट जगहों से हिंसा की खबरें आ रही इसलिए इस मामले की सुनवाई बाहर कराने का अनुरोध किया जा सकता है. साथ ही इस मामले पर बात करते हुए एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय मैतेई और कुकी दोनों समुदायों के संपर्क में है और मणिपुर में शांति बहाली के लिए बातचीत महत्वपूर्ण चरण में है.
Centre will also file an affidavit in Supreme Court requesting the the trial of viral video case to take place outside Manipur https://t.co/J5vl6HICei
— ANI (@ANI) July 27, 2023
पुलिस के काम पर भी खड़े किए गए थे सवाल
बता दें कि इस मामले के बाद से देशभर में इस घटना की भर्त्सना हुई थी. सोशल मीडिया पर यह वीडियो आग की तरह वायरल हुआ था. हालांकि, बाद में इसे अनुरोध कर ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से डिलीट करवा दिया गया था. लेकिन, इस वीडियो के बाद विपक्ष ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा था. वहीं, पुलिस की व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े किए गए थे.
क्या है पूरा मामला ?
हालांकि, घटना के वीडियो के वायरल होने के तुरंत बाद पुलिस ने अलर्ट मोड में आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी और इस मामले में शुरुआत में 2 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. बता दें कि अभी तक इस मामले में 7 आरोपियों के गिरफ्तार होने की सूचना है. वहीं, अन्य आरोपियों की तलाश अभी भी जारी है. बता दें कि मानसून सत्र की शुरुआत के एक दिन पहले ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर भीड़ के द्वारा परेड कराया गया था. साथ ही उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. वहीं, एक महिला के हत्या की भी बात सामने आ रही थी.
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साथ ही शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है, लेकिन सामान्य नहीं है. साथ ही उन्होंने बताया कि वहां लगभग 35,000 सुरक्षाकर्मी मैदान पर हैं. लेकिन, दवा और दैनिक आपूर्ति की कोई कमी नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि खाद्य और आवश्यक आपूर्ति की कीमतें नियंत्रण में हैं. एक अच्छी बात सूत्रों से पता चली कि बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी काम पर लौट रहे हैं और स्कूल भी फिर से शुरू हो रहे हैं. साथ ही जिस मोबाइल फोन से मणिपुर की महिलाओं का वायरल वीडियो शूट किया गया था, उसे बरामद कर लिया गया है और वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को राज्य की जातीय हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने उन पर मेइती समुदाय का पक्ष लेने तथा कुकी आदिवासी अल्पसंख्यकों को ‘‘विदेशी’’ एवं ‘‘अफीम की खेती’’ करने वालों के रूप में पेश करने का आरोप लगाया. पार्टी के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के नवीनतम संपादकीय में माकपा ने आरोप लगाया कि सिंह कुकी समुदाय के विरुद्ध खुलेआम बोलते रहे हैं.
संपादकीय में आरोप लगाया गया, ‘‘जातीय हिंसा में बीरेन सिंह का हाथ है जिसे नरेन्द्र मोदी और भाजपा छिपाना चाहते हैं.’’ इसमें कहा गया कि केंद्र सरकार ने यह जानते हुए भी दखल नहीं दिया कि मुख्यमंत्री और राज्य प्रशासन पक्षपातपूर्ण हो गए हैं तथा वे तटस्थ तरीके से काम करने में अक्षम हैं.
संपादकीय में कहा गया, ‘‘कई तरीके से बीरेन सिंह ने उसी तरह बर्ताव किया जिस तरह नरेन्द्र मोदी ने 2002 की हिंसा के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में किया था. मोदी को अच्छी तरह पता है कि मणिपुर के वर्तमान संकट की असली वजह क्या है — जातीय रूप से विविधता भरे एवं सवंदेनशील राज्य में विभाजनकारी हिंदुत्व राजनीति. मोदी सत्तावादी नेता के रूप में यह मानते ही नहीं कि वह किसी के प्रति जवाबदेह हैं, यहां तक संसद के प्रति भी नहीं.’’
उच्चतम न्यायालय ने 2002 के गुजरात दंगे के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत 64 लोगों को विशेष जांच दल द्वारा दी गई क्लीन चिट को पिछले साल बरकरार रखा था तथा दिवंगत कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी की अर्जी खारिज कर दी थी.