आप जो चिकन या मटन खा रहे हैं वह हलाल है या झटका. अब दिल्ली में मीट परोसने वाले रेस्टोरेंट को यह जानकारी देना जारूरी होगा कि वह जो मीट खा रहा है वह हलाल या झटका. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की कमेटी ने यह प्रस्ताव पास किया है.
इसके बाद नोटिफिकेशन जारी किया जायेगा जिसके बाद सभी रेस्टोरेंट को यह जानकारी साझा करनी होगी. सदन में पास होने के बाद इसका नोटिफिकेशन जारी होगा.
इस प्रस्ताव के पीछे तर्क दिया गया है कि ग्राहकों को यह जानने का अधिकार है कि वह जो मीट खा रहा है वह झटका है या हलाल यह उसका मौलिक अधिकार है, ग्राहक को यह पता होना चाहिए की वह क्या खा रहा है.
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इस संबंध में साउथ एमसीडी के नेता सदन नरेंद्र चावला ने जानकारी दी उन्होंने कहा, कुछ लोग हलाह और झटके से परहेज़ करते हैं. किसी को झटके का पसंद है तो किसी को हलाल का. उन्हें यह जानने का पूरा अधिकार है कि वह जो मीट खा रहे हैं वह कौन सा है.
कई समुदाय पहले से इसकी मांग करता रहा है, उन्हें मीट खाते वक्त इसकी जानकारी नहीं मिलती की वह कैसा मीट खा रहा है. कई समुदायों में मीट खाने को लेकर अलग- अलग नियम है. कुछ लोग झटका पसंद करते हैं तो कुछ हलाल खाते हैं. उन्होंने कहा यह प्रस्ताव अब पास कर दिया है गया है उम्मीद करता हूं कि सदन भी इसे पास करेगी और जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर देगी.
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अलग – अलग धर्म में मीट के झटका और हलाल का महत्व है. मीट तैयार होने से पहले उसे कैसे काटा गया यह अहम होता है और मीट तैयार करने की एक पूरी प्रक्रिया है. अलग- अलग धर्मों में मीट के साथ- साथ इस प्रक्रिया का भी महत्व है. कई धर्मों में पहले से मर चुके जानवर को खाना वर्जित है.