मेरा नाम ‘कोविड’ है और मैं कोई वायरस नहीं हूं… 31 साल बाद जब नाम बनी महामारी
कोविड कपूर अपने नाम के साथ 31 साल गुजारते हैं और एक दिन चीन से निकला एक वायरस इनके नाम का पूरा अर्थ ही बदल कर रख देता है. जीहां मिलते हैं कोविड कपूर से जो आज खुद का परिचय कुछ इस तरह लोगों को देते हैं..
‘कोविड’ वो नाम है जो केवल भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लिए एक घातक महामारी है.. वो महामारी जिसने कई लोगों की जान ले ली.. पिछले करीब 2 साल से इस महामारी ने दुनिया में हाहाकार मचा रखा है.. लेकिन क्या हो जब कोई व्यक्ति इस नाम के साथ पूरे 31 साल अपनी जिंदगी गुजारे और एक दिन अचानक उसका नाम महामारी बन जाए.. जीहां..ऐसा ही अजीबोगरीब वाकया हुआ है कोविड कपूर ( Kovid Kapoor) के साथ..
जब कोविड हंसकर किसी से मिलते हैं और खुद का परिचय देते हैं तो लोग पहले तो उन्हें आश्चर्य भरी निहागों से निहारते हैं फिर उनका मजाक उड़ाते हैं. लेकिन यह सब कोविड के लिए बिल्कुल भी मजाक का विषय नहीं है, वे आज अपनी पहचान के लिए जूझ रहे हैं. कोविड कपूर बेंगलुरु में रहने वाले एक उद्यमी हैं..लेकिन आज अपना परिचय देते हुए कहते हैं कि मेरा नाम कोविड है और मैं कोई वायरस नहीं हूं…
2019 में जब पहली बार चीन में वायरस का प्रकोप सामने आया तो उसके बाद यह पूरी दुनिया में तेजी से फैला गया. विश्व स्वस्थ्य संगठन ने इस महामारी का नाम कोविड-19 रखने की घोषणा की. यह वो वक्त था जब कोविड कपूर यह सुनकर पूरी तरह हैरान थे. लेकिन जब वो लोगों से मिलते तो उनका नाम लोगों को हैरान करने लगा.. केवल इंसान ही नहीं स्टारबक्स से लेकर जीमेल और सभी आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस तक इनके नाम को वायरस से जोड़ने लगे. इतना ही नहीं जीमेल पर AI ने इनके नाम की सही स्पेलिंग Kovid की जगह Covid सुझाई.
किसने रखा यह नाम: इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार जब कोविड कपूर से पूछा गया कि उनका नाम किसने रखा है तो उन्होंने बताया कि उनकी मां ने कोविंद नाम रखा था. उन्होंने हंसते हुए कहा कि उनकी माँ ने हनुमान चालीसा से नाम चुना इसका मतलब एक विद्वान या विद्वान व्यक्ति है. इसका एक सुंदर अर्थ है, लेकिन 2020 के बाद, दुनिया के लिए अर्थ बदल गया. क्योंकि अंग्रेजी में सॉफ्ट डी की अवधारणा नहीं है इसलिए उनके नाम का उच्चारण कोविड होने लगा.
Also Read: कोरोना से लड़ने के लिए लोहरदगा स्वास्थ्य विभाग की तैयारी पूरी, जानें क्या क्या है खास सुविधामजाक से बचने के लिए एक बार कबीर बने कोविड: इंडिया टुडे से बातचीत में कोविड कपूर ने कहा कि लोग उनके नाम को सुनकर उनका मजाक उड़ाते हैं लेकिन अब उन्हें इसकी आदत होने लगी है. हालांकि उन्होंने यह जरूर स्वीकार किया कि एक बार उन्होंने मजाक से बचने के लिए नकली नाम का इस्तेमाल किया था.
क्या बदल देंगे अपना नाम? इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान पूछे गए नाम बदलने वाले एक सवाल पर उन्होंने कहा कि नहीं मैंने कभी नाम बदलने के बारे में नहीं सोचा, मैं खुश हूं और अब यह एक यादगार नाम है.मुझे इसे बदलने की कोई जरूरत नहीं है और वास्तव में, मैं इस नाम का पूरा उपयोग करने की योजना बना रहा हूं. यह नाम यादगार है और इसका एक अच्छा अर्थ भी है. तो, इसे क्यों बदलें?