Meghalaya Election 2023 : फ़रवरी के अंत में होने वाले मेघालय विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने सभी 60 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा और मेघालय इकाई के अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की.
पीएम मोदी की उपस्तिथि में हुई थी बैठक
वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा की अध्यक्षता में बुधवार को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में इन नामों को अंतिम रूप दिया गया. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित के केंद्रीय चुनाव समिति के सभी सदस्य मौजूद थे.
बीजेपी पहली बार 60 सीटों पर लड़ रही चुनाव
बीजेपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में 47 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और उसे महज दो ही सीट पर जीत मिली थी जबकि 7 सीटों पर उसके उम्मीदवार दूसरे और 12 सीटों पर उसके उम्मीदवार तीसरे स्थान पर थे. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया की मेघालय में पहली बार बीजेपी अपने दम पर सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
जनता की बुनियादी समस्याएं बनेंगी मुद्दे
वहीं पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि, मेघालय में सड़कों की हालत खराब है, घंटों बिजल गुल रहती है, उपचार के लिए लोगों को गुवाहाटी जाना पड़ता है, आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, श्री सिन्हा ने कहा कि केंद्रीय योजनाएं मेघालय पहुंच तो रही हैमगर इनके क्रियान्वयन की रफ्तार धीमी है.उन्होंने कहा, ‘‘इस बार भाजपा ने ‘सशक्त मेघालय’ का नारा दिया है क्योंकि राज्य की जनता को प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा है.
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वर्तमान में मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की अगुवाई में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ), भाजपा तथा हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) की गठबंधन सरकार है और कोनराड संगमा इसका नेतृत्व कर रहे हैं.
हालांकि, आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने की घोषणा नहीं की है।
पिछले विस. चुनाव में किसी भी दल को नहीं मिला था स्पष्ट बहुमत
मेघालय के पिछले विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था, कांग्रेस 21 सीट पर जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन वह बहुमत से दूर रह गई. वहीं कोनराड संगमा के नेतृत्व वाली एनपीपी 19 सीट पर जीत के साथ दूसरे नंबर पर थी, प्रदेश की यूडीपी के छह सदस्य चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इसी प्रकार राज्य की पीडीएफ को चार सीट पर जीत मिली थी और भाजपा तथा एचएसपीडीपी को दो-दो सीट पर सफलता मिली थी।
चुनावी नतीजों के बाद संगमा ने भाजपा, यूडीपी, पीडीएफ, एचपीपीडीपी और एक निर्दलीय के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई और वह राज्य के मुख्यमंत्री बने।