नई दिल्ली : मेघालय के पूर्व सीएम मुकुल संगमा समेत करीब 12 विधायक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए हैं. इसके साथ ही मेघालय में कांग्रेस को करारा झटका लगा है और अब वह राज्य विधानसभा में प्रमुख विपक्षी पार्टी भी नहीं रही. इस राज्य में कांग्रेस के 18 विधायक हैं, जिसमें से अब उसके पास उसके पास केवल 6 विधायक ही रह गए हैं. कांग्रेस में पड़ी इस फूट के बाद अब टीएमसी मेघालय विधानसभा में प्रमुख विपक्षी पार्टी बन गई है.
मीडिया की खबरों के अनुसार, मेघालय में कांग्रेस विधायकों को टूटकर टीएमसी में शामिल होने के पीछे अहम वजह विन्सेंट एच. पाला को पार्टी की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाया जाना बताई जा रही है. विन्सेंट एच. पाला को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रमुख बनाए जाने के बाद से ही सूबे के पूर्व सीएम और कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकुल संगमा पार्टी से नाराज चल रहे थे.
हालांकि, पार्टी में पड़ी दरार को पाटने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अक्टूबर महीने में ही विन्सेंट एच. पाला और मुकुल संगमा के साथ मुलाकात की थी, लेकिन उनकी इस हस्तक्षेप के बाद भी पार्टी में पड़ी फूट समाप्त नहीं हो सकी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मेघायल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख के पद पर विन्सेंट एच पाला को नियुक्त किए जाने के बाद नाराज पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने अपने एक बयान में कहा भी था कि विन्सेंट एच पाला को पार्टी का प्रदेश प्रमुख नियुक्त करने से पहले आलाकमान ने उनसे सलाह लेना तक मुनासिब नहीं समझा. उनके इस बयान के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि कांग्रेस आलाकमान के इस फैसले से नाराज चल रहे मुकुल संगमा टीएमसी में शामिल हो सकते हैं.
सूत्रों के हवाले से मीडिया की खबरों में इस बात की भी चर्चा की जा रही है कि टीएमसी के राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों मेघालय में हैं और उन्होंने वर्ष 2023 के दौरान मेघालय में होने वाले विधानसभा चुनाव में टीएमसी को जीत दिलाने की रणनीति के तहत कांग्रेस के 12 विधायकों को टीएमसी में शामिल कराने का फैसला किया है.
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इसके साथ ही, मेघालय में पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के साथ 12 विधायकों का टीएमसी में शामिल होने के बाद पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इस बात का दावा किया है कि इन दर्जनभर विधायकों का टीएमसी का दामन थामने के बाद अब उनका दल राज्य में प्रमुख विपक्षी पार्टी बन गया है.