जम्मू-कश्मीर (jammu kashmir,flag remark) की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं. उनके द्वारा राष्ट्र ध्वज के खिलाफ दिए गए बयान पर दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है. जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस कमिश्नर से उनके खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की गई है. शुक्रवार को महबूबा के बयान से नाराज सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने महबूबा के खिलाफ नेशनल ऑनर एक्ट सहित आईपीसी की धारा 121, 151, 153A, 295, 298, 504, 505 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है.
कश्मीर के झंडे के अलावा और कोई झंडा मंजूर नहीं : आपको बता दें कि 14 महीने की हिरासत के बाद रिहा हुईं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने विवादास्पद बयान दे दिया है. अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने आयीं महबूबा ने घोषणा की कि पीडीपी जम्मू-कश्मीर को पुराना दर्जा दिलाने में जमीन-आसमान एक कर देगी. कहा कि भारत जम्मू-कश्मीर की सिर्फ जमीन चाहता है, उसके लोग नहीं. महबूबा ने कहा कि वह अनुच्छेद 370 फिर से लागू होने तक कोई और झंडा नहीं उठायेंगी. वह केवल कश्मीर का झंडा उठायेंगी.
टेबल से गायब तिरंगा, कश्मीर के झंडे को बताया झंडा : महबूबा ने अपनी टेबल पर जम्मू-कश्मीर के झंडे के साथ पार्टी का झंडा रखा हुआ था. जबकि अनुच्छेद 370 हटने के साथ ही पूरे जम्मू-कश्मीर में सिर्फ तिरंगा फहराने की अनुमति है.
भाजपा ने महबूबा मुफ्ती के “देशद्रोही” बयान के लिए उनकी गिरफ्तारी की मांग की: इधर जम्मू कश्मीर भाजपा ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के “देशद्रोही” बयान के लिए उनकी गिरफ्तारी की मांग की. भाजपा ने कहा कि “धरती की कोई ताकत” वह झंडा फिर से नहीं फहरा सकती और अनुच्छेद 370 को वापस नहीं ला सकती. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रवींद्र रैना ने संवाददाताओं से कहा, मैं उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से अनुरोध करता हूं कि वह महबूबा मुफ्ती के देशद्रोही बयान का संज्ञान लें और उन्हें सलाखों के पीछे डालें.
कश्मीर के कुछ नेता ”अवसरवाद की राजनीति” करते हैं :केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि कश्मीर के कुछ नेता ”अवसरवाद की राजनीति” करते हैं क्योंकि जब वे सत्ता में होते हैं तो भारत की शपथ लेते हैं और एक बार सत्ता से बाहर होने के बाद, वे देश की संप्रभुता पर सवाल उठाते हैं. सिंह पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर को लेकर कहा था कि तत्कालीन राज्य का झंडा और संविधान बहाल होने तक उन्हें व्यक्तिगत तौर पर चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है.
Posted By : Amitabh Kumar