सुप्रीम कोर्ट आज जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा की याचिका पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता से पूछा कि कब तक और किस आदेश के तहत केंद्र जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री को नजरबंद रखना चाहते थे. कोर्ट ने एसजी तुषार मेहता से महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा द्वारा दायर संशोधित आवेदन पर एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.
एसजी तुषार मेहता ने कोर्ट से कुछ समय मांगा और कहा कि हम एक सप्ताह के भीतर इन मुद्दों पर अदालत को संबोधित करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर, गुरुवार तय की है. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को पार्टी की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए अधिकारियों से अनुरोध करना चाहिए. साथ ही उच्चतम न्यायालय ने इल्तिजा मुफ्ती और उनके भाई को मां महबूबा मुफ्ती से हिरासत में मिलने की अनुमति दी है.
हाल ही में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी तीन महीने और बढ़ा दी गई थी. महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर की अकेली ऐसी बड़ी नेता हैं, जिन्हें अभी तक नजरबंद रखा गया है. उनके साथ ही हिरासत में लिए गए पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को रिहा किया जा चुका है. फारूक को 15 मार्च को रिहा किया गया था. वहीं, उमर को इसके 10 दिन बाद 25 मार्च को रिहा किया गया था. रिहाई के बाद उमर ने सभी नेताओं की नजरबंदी खत्म करने की मांग की थी.
पिछले महीने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की हिरासत को केंद्र सरकार ने तीन महीने तक के लिए और बढ़ा दिया था. केंद्र ने उन्हें जन सुरक्षा कानून के तहत नजरबंद रखा है. साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के समय से महबूबा मुफ्ती हिरासत में हैं. इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला था.
गृह विभाग के आदेशानुसार मुफ्ती गुपकर रोड पर अपने आधिकारिक आवास फेयरव्यू बंगले में अगले तीन महीने और हिरासत में ही रहेंगी. इस बंगले को उप जेल घोषित किया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री की मौजूदा हिरासत की अवधि इस साल पांच अगस्त को खत्म हो रही थी.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पीएसए के तहत निरुद्ध पीडीपी अध्यक्ष और भाजपा की सहयोगी रहीं महबूबा मुफ्ती की हिरासत शुक्रवार को तीन महीने के लिए बढ़ा दी जबकि पिछली गठबंधन सरकार के एक अन्य सहयोगी सज्जाद गनी लोन को रिहा कर दिया. पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने से पहले मुफ्ती और लोन समेत सैकड़ों लोगों को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया था.
Posted By: Pawan Singh