भारत के भगोड़े : माल्या, नीरव और चोकसी ही नहीं 72 लोग देश में धोखाधड़ी कर हैं विदेश फरार
मेहुल चोकसी के वकील उसे वहां का नागरिक बताकर उसके अधिकारों की दुहाई दे रहे हैं. दुनिया में कई ऐसे देश है जहां मेहुल चोकसी की तरह भगोड़े शरण लेते हैं. भारत से धोखाधड़ी के बाद यह इसका बात का विशेष ध्यान रखते हैं कि जिन देशों के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है वह ज्यादा सुरक्षित है.
क्या आप जानते हैं कि भारत से आर्थिक अपराध करके विदेशों में शरण लेने वालों की संख्या कितनी है. आप चंद नाम ही जानते होंगे लेकिन ऐसे 72 लोग हैं जिन पर गबन, धोखाधड़ी का आरोप है और विदेशों में छुपे बैठे हैं. मेहुल चोकसी को भारत लाने की कोशिशें तेज हैं. भारत की सुरक्षा एजेंसियों के कई वरिष्ठ अधिकारी डोमिनिका में डेरा डाले हुए हैं. चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले रखी है.
मेहुल चोकसी के वकील उसे वहां का नागरिक बताकर उसके अधिकारों की दुहाई दे रहे हैं. दुनिया में कई ऐसे देश है जहां मेहुल चोकसी की तरह भगोड़े शरण लेते हैं. भारत से धोखाधड़ी के बाद यह इसका बात का विशेष ध्यान रखते हैं कि जिन देशों के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है वह ज्यादा सुरक्षित है.
भारत में पंजाब नेशनल बैंक के 13500 करोड़ रुपये घोटाला का आरोपी मेहुल चोकसी ही नहीं ऐसे कई लोगों की लंबी लिस्ट है जो भारत से जाकर दूसरे देशों में छुपे हैं. इनमें आतंकवादी, धोखाधड़ी के आरोपी सहित कई संगीन जुर्म के गुनाहगार शामिल हैं. देश में आर्थिक अपराध कर दूसरे देशों में जाकर छुपे लोगों पर नजर डालें तो विजय माल्या, नीरव मोदी, ललित मोदी सहित कई नाम है.
चोकसी और नीरव मोदी क्यों है अबतक भारत की पकड़ से दूर
साल 2018 में देश में पीएनबी घोटाला हुआ. इस पूरे मामले के खुलासे के बाद देश में जांच एजेंसियां एक्टिव हुई और इसमें कई लोगों के नाम सामने आये. नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को इस घोटाले के सामने आने की खबर लग चुकी थी दोनों ने देश छोड़ दिया. नीरव मोदी ब्रिटेन चले गये जबकि मेहुल चोकसी ने कैरिबियाई देश एंटीगुआ की नागरिकता ले ली.
आज हालात यह है कि दोनों जेल में है. नीरव मोदी साल 2019 से ब्रिटेन की जेल में बंद है. अब भी भारत वापसी के लिए सरकार कोशिश कर रही है जबकि मेहुल चोकसी डोमिनिका की जेल में बंद है भारत उसे भी वापस लाने की कोशिश कर रहा है. डोमिनिका के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है इस वजह से चोकसी की वापसी में परेशानी और बढ़ सकती है.
माल्या का माया जाल
किंग ऑफ गुड टाइम्स के नाम से मशहूर विजय माल्या का जब बुरा वक्त शुरू हुई तो साल 2016 के पहले ही ब्रिटेन पहुंच गये. इन पर भी हजारों करोड़ के घोटाले का आरोप है. बैंक से लोन लेने के बाद इन्होंने पैसे वापस नहीं किये जिसके बाद इन पर मामला दर्ज हुआ.
जबतक यहां इन पर कार्रवाई होती तबतक ब्रिटेन की नागरिकता लेकर माल्या विदेश में बैठ गये. भारत लगातार ब्रिटेन में इनके अपराध साबित करने में लगा है और इसके भारत वापसी की कोशिश में लगा है.
ललित मोदी, क्रिकेट और मनी लॉन्ड्रिंग केस
देश में क्रिकेट के माहौल को समझकर ललित मोदी आईपीएल लेकर आये. रोमांच, एक्शन, ग्लेमर और खेल का अनुठा मिश्रण जिसे भारत में खूब पसंद किया गया. देश ही नहीं विदेश के कई खिलाड़ी इस खेल के इस महाकुंभ में शामिल हुए. क्रिकेट के इस नये फॉर्मेट पर जब आरोप लगने शुरू हुए तो मैच फिक्सिंग, सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे कई संगीन आरोप लगे. साल 2010 में ललित मोदी ब्रिटेन च गये. दूसरे भगोड़ों की तरह सरकार भी ललित मोदी की वापसी के लिए कोशिशें कर रही है लेकिन समय- समय पर इनकी तस्वीरें वायरल होती है जिसमें वो जीवन का आनंद लेते नजर आते हैं.
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आर्थिक अपराधियों को खींच कर वापस भी लेकर आया है भारत
ऐसा नहीं है कि सारे अपराधी आर्थिक अपराध के बाद सुरक्षित बचे रहे हैं भारत विनय मित्तल और सनी कालरा सरीखे लोगों को वापस लाने में सफल रहा है इन पर 10 करोड़ लोन लेकर ना चुकाने और भागने का आरोप था. भारत के साथ जिन 58 देशों से प्रत्यर्पण संधि है वहां से आरोपियों को लाने में सफलता मिलती रही है. आर्थिक अपराध सहित कई संगीन मामलों में आरोपियों को वापस लाने में सफल रहा है.