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मिजोरम से मैतेई समुदाय का पलायन जारी, महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद बिगड़े हालात

पूर्व उग्रवादियों के एक समूह की धमकी के बाद मेइती समुदाय के 41 लोग मिजोरम से असम पहुंचे. अधिकारियों ने बताया, मणिपुर की घटना का वीडियो प्रसारित होने के बाद पूर्व उग्रवादियों के एक समूह ने मेइती समुदाय के लोगों को राज्य छोड़ने के लिए कहा था.

By ArbindKumar Mishra | July 25, 2023 12:39 PM

मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद देशभर में आक्रोश का माहौल है. इस बीच पूर्व उग्रवादियों के एक समूह की धमकी के बाद मिजोरम से मैतेई समुदाय के लोगों का पलायन जारी है.

क्यों मिजोरम से पलायन कर रहे मैतेई समुदाय के लोग

दरअसल मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना का वीडियो सामने आने के बाद पूर्व उग्रवादियों के एक समूह ने मैतेई समुदाय को राज्य छोड़ने के लिए कहा था, जिसके बाद मिजोरम के अन्य 41 मेइती लोग सड़क मार्ग से असम के कछार जिले में चले गए. अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा मणिपुर के 31 मिजो छात्र वहां की मौजूदा स्थिति के कारण मिजोरम लौट आये.

मैतेई समुदाय के 41 लोग मिजोरम से असम पहुंचे

पूर्व उग्रवादियों के एक समूह की धमकी के बाद मेइती समुदाय के 41 लोग मिजोरम से असम पहुंचे. अधिकारियों ने बताया, मणिपुर की घटना का वीडियो प्रसारित होने के बाद पूर्व उग्रवादियों के एक समूह ने मेइती समुदाय के लोगों को राज्य छोड़ने के लिए कहा था. कछार के पुलिस अधीक्षक नुमल महत्ता ने बताया कि ये लोग शनिवार रात पड़ोसी राज्य मिजोरम से सिलचर पहुंचे और उन्हें बिन्नाकांडी क्षेत्र में लखीपुर विकास खंड में एक इमारत में रखा गया है. ये सभी संपन्न परिवार हैं और अपने-अपने वाहनों से आए हैं. इनमें से कुछ कॉलेज के प्रोफेसर हैं, जबकि कुछ वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के रूप में काम करते हैं. उन्होंने बताया है कि मिजोरम में फिलहाल कोई हमला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि मिजोरम सरकार उन्हें सभी सुरक्षा प्रदान कर रही है, लेकिन वे खुद कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं और अपनी सुरक्षा के लिए असम आए हैं. पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘वे कह रहे हैं कि स्थिति सामान्य होने तक वे यहीं रहेंगे. उन्होंने कहा कि असम पुलिस उन्हें सुरक्षा मुहैया करा रही है.

मणिपुर में हिंसा के बाद कई समुदाय के लोगों ने मिजोरम में लिया शरण

मालूम हो मैतेई, कुकी और हमार समुदायों के हजारों लोग मणिपुर से चले गये हैं और तीन मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से असम में रह रहे हैं. मिजोरम सरकार ने शनिवार को राज्य में रहने वाले मैतेई समुदाय को सुरक्षा का आश्वासन दिया था और उनसे अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा था.

मिजोरम में सुरक्षा कड़ी की गई

मणिपुर में हिंसा के खिलाफ मिजो संगठनों के राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर और एक पूर्व उग्रवादी समूह के बयान के बाद मैतेई समुदाय के लोगों के राज्य छोड़ने की खबरों के बीच पूरे मिजोरम में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. अधिकारियों ने बताया कि रविवार को तीन विमानों से 78 लोग मणिपुर के लिए रवाना हुए. शनिवार को 65 लोगों ने पड़ोसी राज्य की यात्रा की थी.

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नागरिक संस्थाओं की मणिपुर हिंसा के खिलाफ रैली

नागरिक संस्थाएं जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में ‘जो’ समुदाय के लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए मिजोरम में प्रदर्शन किया. मिजोरम में मिजो समुदाय के लोगों का मणिपुर के कुकी, बांग्लादेश के चटगांव पहाड़ी इलाकों के कुकी-चिन और म्यांमा के चिन समुदाय के लोगों के साथ जातीय संबंध है. इन्हें सामूहिक रूप से ‘जो’ कहा जाता है. मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने घोषणा की है कि रैलियों के समर्थन में उनकी ‘मिजो नेशनल पार्टी’ (एमएनएफ) का कार्यालय मंगलवार को बंद रहेगा. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से रैलियों में हिस्सा लेने को कहा.

तृणमूल कांग्रेस ने एक लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार का लगाया आरोप

तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के कुछ दिन बाद 15 मई को मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले में 18 वर्षीय एक लड़की पर हमला किया गया और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया. मीडिया के एक वर्ग में छपी एक खबर का हवाला देते हुए, पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी ने ट्विटर पर दावा किया, मणिपुर के लिए त्रासदी खत्म नहीं होती है! तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट किया, महिलाओं के एक समूह ने 18 वर्षीय एक लड़की को चार हथियारबंद लोगों को सौंप दिया। बाद में 15 मई को मणिपुर के इंफाल पूर्व में उसके साथ मारपीट की गई और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। यदि इस तरह के क्रूर मामले एक महीने से अधिक समय के बाद लोगों के सामने आ रहे हैं, तो जो घटनाएं अभी भी छिपी हुई है, वे कितनी भयानक होंगी.

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