नयी दिल्ली : एक नये अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि योग से न सिर्फ माइग्रेन के दर्द में आराम मिलता है बल्कि इसके इलाज पर आने वाले खर्च में भी कमी आ सकती है. एम्स द्वारा किया गया यह अध्ययन अमेरिकी न्यूरोलॉजी अकादमी की पत्रिका ‘न्यूरोलॉजी’ में प्रकाशित हुआ है. एम्स के एक बयान में यह जानकारी दी गई है.
यह बयान 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले आया है. इस नए अध्ययन में कहा गया है कि योग माइग्रेन से पीड़ित लोगों की मदद कर सकता है और इससे होने वाले सिरदर्द में आराम पहुंचाता है. अध्ययन के अनुसार, ”माइग्रेन का इलाज दवाओं से किया जाता है, लेकिन दवाइयां लगभग आधे रोगियों पर ही असर कर पाती हैं. कई दवाइओं के नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं, जिनके चलते लगभग 10 प्रतिशत रोगी उनका सेवन बंद कर देते हैं.”
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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के बयान में कहा गया है, ”इसके (अध्ययन के) नतीजे बताते हैं कि योग न केवल माइग्रेन के दर्द को कम कर सकता है बल्कि इससे इसके इलाज पर होने वाला खर्च भी कम हो जाता है. यह माइग्रेन के इलाज के लिये योग के मूल्यांकन का अब तक का इस प्रकार का सबसे बड़ा परीक्षण है.”
अध्ययन के दौरान ऐसे 114 लोगों के दो समूह बनाए गए, जो आकस्मिक माइग्रेन से पीड़ित थे. अध्ययन में कहा गया है कि पहले समूह ने अपने डॉक्टरों की सलाह के अनुसार पारंपरिक चिकित्सा पद्धति अपनाई जबकि दूसरे समूह ने पारंपरिक इलाज के साथ-साथ योगाभ्यास भी किया, जिसमें व्यायाम, ध्यान और योगासन शामिल हैं. योग करने के नियम एम्स के सेंटर फॉर इंटिग्रेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च (सीआईएमआर) में योग चिकित्सकों ने तैयार किए थे.
इस दौरान रोगियों को सीआईएमआर के योग चिकित्सकों की निगरानी में एक महीने हर सप्ताह तीन दिन एक-एक घंटे योग सिखाया गया. इसके बाद उन्होंने अपने घरों में दो महीने तक सप्ताह में पांच दिन इसका अभ्यास किया. अध्ययन में पाया गया कि दोनों समूहों के लोगों के सिरदर्द की आवृति और तीव्रता में कमी आई.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak