50,000 करोड़, 116 जिले, 6 राज्य : पीएम मोदी ने बिहार से लॉन्च किया गरीब कल्याण रोजगार योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM narendra modi) ने आज बिहार (Bihar) के खगड़िया जिला अंतर्गत बेलौदर प्रखंड के तेलिहार गांव से गरीब कल्याण रोजगार अभियान (garib kalyan rojgar abhiyan) का शुभारंभ किया. प्रवासी मजदूरों (Migrant labours) को गांव में रोजगार के अवसर मुहैया कराने और गांवों में आधारभूत संरचना का निर्माण करने के लिए इस अभियान की शुरूआत की गयी है. बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, ओडिसा, समेत देश के छह राज्यों के 116 जिलों में यह अभियान चलाया जायेगा. उन जिलों को योजना में प्राथमिकता दी गयी है जिन जिलों में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर वापस लौटे हैं. योजना के तहत 50 हजार करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान है. इससे गांवों में आर्थिक गतिविधि बढ़ेगी और गांव में भी विकास की रफ्तार तेज होगी.

By Panchayatnama | June 20, 2020 12:48 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के खगड़िया जिला अंतर्गत बेलौदर प्रखंड के तेलिहार गांव से गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारंभ किया. प्रवासी मजदूरों को गांव में रोजगार के अवसर मुहैया कराने और गांवों में आधारभूत संरचना का निर्माण करने के लिए इस अभियान की शुरूआत की गयी है. बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, ओडिसा, समेत देश के छह राज्यों के 116 जिलों में यह अभियान चलाया जायेगा. उन जिलों को योजना में प्राथमिकता दी गयी है जिन जिलों में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर वापस लौटे हैं. योजना के तहत 50 हजार करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान है. इससे गांवों में आर्थिक गतिविधि बढ़ेगी और गांव में भी विकास की रफ्तार तेज होगी.

कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए पीएम मोदी ने गवलान घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धाजंली दी. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी के संकट के दौरान केंद्र और राज्य सरकार मजदूरों के लिए चिंतित थी. मजदूरों के लए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलायी गयी. जिस कोरोना के कारण पूरी दुनिया सहम गयी , उस कोरोना का मुकाबला भारत के गांवों ने डटकर किया. ग्रामीण भारत ने कोरोना के संक्रमण को प्रभावी तरीके से रोका है. हर हिंदुस्तानी इसके लिए गर्व कर सकता है.

पीएम मोदी ने कहा कि मजदूर अब अपने गांव में रहकर अपने गांव को आगे बढ़ाना चाहते हैं. देश उनकी भावनाओं और जरूरतों को भी समझता है. गरीब कल्याण योजना इसी को पूरा करने का माध्यम है. अब अपने हुनर से ग्रामीण मजदूर अपने गांवों का विकास करेंगे. एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होने कहा कि उन्नाव के एक कोरेंटिन सेंटर में दक्षिण भारत के मजदूरों को रखा गया था. जो रंगाई पुताई में महारथ थे. उन्होंने स्कूल में बने कोरेंटिन सेंटर की रंगाई पुताई करके स्कूल का रंग रूप ही बदल दिया. इसकी जानकारी होने बाद उन्होंने गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू करने का मन बनाया.

पीएम मोदी ने बताया कि योजना के तहत 50 हजार करोड़ रूपये खर्च किये जायेगे. गांव के विकास के लिए गांव की मूलभूत सुविधाओं से जुड़े 25 कार्यक्षेत्रों को चुना गया है. यह कार्य मजदूर अपने गांव घर में रहते हुए कर सकते हैं. हर गांव की अपनी जो भी जरूरत है, इसे गरीब कल्याण योजना के तहत पूरा किया जायेगा. इसके तहत पशु शेड, सरकारी अवास निर्माण, पौधारोपण, सड़क निर्माण आदि कार्य कराये जायेंगे. अभियान के तहत आधुनिक सुविधाओं से गांवों को जोड़ा जायेगा. गांव में सस्ता और तेज इंटरनेट होना जरूरी है. गांव में फाइबर केबल से जुड़े कार्य भी होंगे. जो श्रमिक अपने गांव लौटे हैं उनसे यह कार्य कराया जायेगा. सभी को इसके जरिये रोजगार दिया जायेगा. महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़ा जायेगा. श्रमिकों के हुनर की पहचान गांव मे की जायेगी. इससे श्रमिक जो काम करना चाहते हैं वहीं काम उन्हें दिया जायेगा.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गरीब कल्याण योजना प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र सरकार की ओर से तोहफा है. यह बहुत बड़ी योजना है, इसका लाभ गरीबों को मिलेगा. उन्होने कहा कि राज्य में मनरेगा के तहत जो कार्य हो रहे हैं उससे गरीबों को जोड़ा जायेगा. इसके अलावा राज्य सरकार की जो भी योजनाएं है इनमें मजदूरों को काम दिया जायेगा. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थानीय जनप्रतिनिधि और अपने गांव वापस आये प्रवासी श्रमिकों से बात की. अपने अनुभव को साझा करते हुए प्रवासी श्रमिक स्मिता कुमारी ने बताया कि वो दिल्ली में में प्लेट फैक्ट्री में काम करती थी, लॉकडाउन के वक्त वो स्पेशल ट्रेन से अपने गांव पंहुची. उसने कहा वो मधुमक्खी पालन करना चाहती है. पीएम मोदी ने कहा कि इस कार्य से देश को लाभ होगा.

Posted By: Pawan Singh

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