रेलवे ने सोशल मीडिया पर वायरल उस वीडियो को लेकर अपना बचाव किया जिसमें एक बच्चा अपनी मृत मां को जगाने की कोशिश करता हुआ दिख रहा है. महिला अपने बच्चे के साथ गुजरात से ट्रेन में सवार हुई थी लेकिन बिहार के मुजफ्फरपुर में अपने घर पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया. एक ओर जहां रेलवे का कहना है कि 35 वर्षीय महिला की मौत दिल की बीमारियों के कारण हुई वहीं आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने इस दावे को ”झूठा” बताया है.
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बुधवार को सामने आया यह वीडियो कई राज्यों में व्याप्त प्रवासी मजदूरों के संकट की हृदय-विदारक तस्वीर पेश करने वाला बन गया. वीडियो में एक छोटा बच्चा प्लेटफॉर्म पर रखे अपनी मां के शव पर से कंबल हटाकर उसे जगाने की कोशिश करता दिख रहा है. वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पहले से ही श्रमिक विशेष ट्रेनों के संचालन के लिये आलोचना झेल रहे रेलवे की मुश्किलें और बढ़ गईं.
रेलवे ने कहा कि सूरत से पूर्णिया जा रही ट्रेन सुबह नौ बजकर 17 मिनट पर मानसी स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर पहुंची, जहां कुछ लोग महिला के शव को ट्रेन से उतारते दिखे. बाद में महिला की पहचान उरेश खातून के रूप में हुई. रेलवे ने कहा कि महिला के एक रिश्तेदार ने रेलवे पुलिस को जो बयान दिया है, उसके अनुसार वह कटिहार की निवासी थी. वह दिल की बीमारियों से पीड़ित थी और 22 मार्च को उसकी सर्जरी हुई थी.
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रेलवे के अनुसार महिला के रिश्तेदार के लिखित बयान के अनुसार उसे 24 मई को छुट्टी दी गई थी, जिसके बाद उसने अपना सफर शुरू किया. हालांकि, आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल पर निशाना साधा और रेलवे के प्रवक्ता पर झूठ बोलने का आरोप लगाया.
सिंह ने वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ”महिला के पुत्र ने थाने में अपने बयान में कहा है कि जब ट्रेन बेगूसराय के निकट पहुंची तो उन्होंने उसे जगाना शुरू किया और जब वह नहीं जगी तो वे मानसी में उतरे. रेल मंत्री पीयूष गोयल जी क्या आपने रेलवे के प्रवक्ता को झूठ बोलने को कहा है? अगर नहीं कहा तो मृत महिला के परिवार के सदस्य का बयान सुनिये कि ‘महिला बीमार नहीं थी, ट्रेन में बीमार हुई, कोई मदद नहीं मिली. ट्रेनों की देरी के कारण भूख प्यास से 7 लोगों की जान गई. दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करो.” उन्होंने पीयूष गोयल को देश के इतिहास का सबसे असंवेदनशील और नाकाम रेल मंत्री बताया.