मिनिस्ट्री ऑफ डिफेन्स ने 70 बेसिक ट्रेनिंग विमानों की खरीद के लिए HAL से किया करार, 68,000 करोड़ की आएगी लागत
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने 1 मार्च को दोनों खरीद प्रस्तावों को अनुमति दी थी. मंत्रालय ने बताया कि कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर और आदान-प्रदान के दौरान रक्षा सचिव गिरधर अरमने, रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा एचएएल और एलएंडटी के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
Ministry of Defence: रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के लिए 6,800 करोड़ रुपये से अधिक लागत पर 70 एचटीटी-40 बेसिक प्रशिक्षण विमान खरीदने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए. मंत्रालय ने 3,100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत में तीन कैडेट प्रशिक्षण जहाजों की खरीद के लिए लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड (एलएंडटी) के साथ भी करार को अंतिम रूप दिया.
1 मार्च को दोनों खरीद प्रस्तावों को मिली अनुमति
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने 1 मार्च को दोनों खरीद प्रस्तावों को अनुमति दी थी. मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा- रक्षा मंत्रालय ने 7 मार्च, 2023 को नयी दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में क्रमशः 70 एचटीटी-40 बेसिक प्रशिक्षण विमान तथा 3 कैडेट प्रशिक्षण जहाजों की खरीद के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) तथा लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड (एलएंडटी) के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए.
रक्षा मंत्रालय तथा HAL और L&T के प्रतिनिधि उपस्थित
मंत्रालय ने बताया कि कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर और आदान-प्रदान के दौरान रक्षा सचिव गिरधर अरमने, रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा HAL और L&T के प्रतिनिधि उपस्थित थे. HAL छह साल से अधिक समय की अवधि के लिए 70 HTT-40 विमान प्रदान करेगा, वहीं जहाजों की आपूर्ति 2026 से शुरू हो सकती है. एचटीटी-40 एक टर्बो प्रॉप विमान है, जिसमें अच्छी कम गति के परिचालन गुण हैं और यह विमान बेहतर प्रशिक्षण प्रभाव प्रदान करता है. एचटीटी-40 में लगभग 56 प्रतिशत सामग्री स्वदेशी है, जो समय के साथ प्रमुख घटकों तथा उप-प्रणालियों के स्वदेशीकरण के माध्यम से 60 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी.
मौलिक प्रशिक्षण विमानों की कमी करेगा पूरा
मंत्रालय ने कहा- यह विमान नए पायलटों के प्रशिक्षण के लिए भारतीय वायुसेना के मौलिक प्रशिक्षण विमानों की कमी पूरा करेगा. खरीद में सिमुलेटर सहित संबंधित उपकरण और प्रशिक्षण सहायता शामिल होगी. उसने कहा- एक स्वदेशी समाधान होने के नाते यह विमान भारतीय सशस्त्र बलों की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिहाज से उन्नयन के लिए करने योग्य है. विमान की आपूर्ति 6 वर्ष की अवधि में की जाएगी. विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘एचएएल सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सहित घरेलू निजी उद्योग को अपनी आपूर्ति श्रृंखला में शामिल करेगी. खरीद में 100 से अधिक एमएसएमई में काम करने वाले हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार मिलेगा.