भारत दिसंबर में G20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा. विदेश मंत्रालय जी-20 की बैठक को लेकर सक्रिय हो गया है. सूत्रों के अनुसार बैठक नई दिल्ली के कई राज्यों में आयोजित की जाएंगी. इस संबंध में विदेश मंत्रालय ने सभी राज्यों को भी पत्र लिखा है. पत्र में राज्यों से विश्वस्तरीय बैठक करवाने की व्यवस्था के बारे में पूछा गया है. विदेश मंत्रालय के अनुसार संघ शासित राज्य जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी जी-20 बैठक का आयोजन किया जा सकता है. इस पर पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान ने लद्दाख में बैठक का विरोध जताया है.
भारत और चीन के बीच लद्दाख में करीब दो सालों से तनाव का माहौल है. इधर विदेश मंत्रालय ने लद्दाख में जी-20 का आयोजन करने का फैसला लिया है. जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले कई बैठकों का आयोजन किया जाएगा. न्यूज वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार विदेश मंत्रालय ने लद्दाख बैठक को लेकर एक विरिष्ठ आईएएस अधिकारी और एक पुलिस अधिकारी को नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त कर दिया है.
चीन ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख में आयोजित होने वाली बैठक को लेकर विरोध जताया है. चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने पिछले हफ्ते एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जी-20 बैठक को लेकर कहा था कि हमने प्रासंगिक सूचना का संज्ञान लिया है. कश्मीर पर चीन का रुख सतत और बिल्कुल स्पष्ट है. यह भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से चला आ रहा मुद्दा है। संयुक्त राष्ट्र के संबंधित प्रस्तावों और द्विपक्षीय सहमतियों के अनुरूप इसका उचित समाधान निकालना चाहिए. इधर पाकिस्तान ने भी इस बैठक को लेकर विरोध जताया है.
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जी-20 अर्थव्यवस्था वाले देशों का एक समूह है. इनमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका. स्पेन एक स्थायी अतिथि है जो, हर वर्ष आमंत्रित होता है.