देश में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या एक हजार के पार हुई: स्वास्थ्य मंत्रालय

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार बुधवार को देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वाले मरीजों की संख्या एक हजार से अधिक हो गयी . मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 1008 हो गयी है और संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 31,332 हो गयी.

By PankajKumar Pathak | April 29, 2020 9:54 PM
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नयी दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार बुधवार को देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वाले मरीजों की संख्या एक हजार से अधिक हो गयी . मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 1008 हो गयी है और संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 31,332 हो गयी.

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मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमण के 1897 नये मामले सामने आये हैं. इसके अनुसार कोविड-19 से स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़कर 7,695 हो गयी है. यह कुल संक्रमित मरीजों की संख्या का 24.5 प्रतिशत है. पिछले 24 घंटों के दौरान 827 मरीजों को स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दी गयी है.

इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने देश में संक्रमण फैलने की गति में निरंतर गिरावट आने और संक्रमण से स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुये कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक अभियान में भारत की कामयाबी के प्रति विश्वास व्यक्त किया. बयान के अनुसार डा. हर्षवर्धन ने सामाजिक संगठन ‘लायंस क्लब इंटरनेशनल’ के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक में कहा कि देश में कोरोना के सिर्फ 0.33 प्रतिशत मरीजों को ही गंभीर हालत में होने के कारण वेंटिलेटर पर रखा गया है.

उन्होंने कहा कि देश में अधिकांश संक्रमित मरीजों की स्थिति खतरे से बाहर है और 1.5 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत है, जबकि संक्रमण के लक्षणों की अधिकता वाले 2.34 प्रतिशत मरीजों का सघन चिकित्सा केन्द्र (आईसीयू) में इलाज किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ अभियान में वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये बहुस्तरीय रणनीति को अपनाया गया है.

उन्होंने उम्मीद जताई कि समाज के सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी के बलबूते, भारत इस महामारी से उबरने में कामयाब होगा. मंत्रालय की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने बुधवार को राज्य सरकारों और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक कर कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिये किये जा रहे उपायों की समीक्षा की.इस दौरान उन्होंने स्थानीय प्रशासन को संक्रमण पर निगरानी के लिये आरोग्य सेतु एप को जमीनी स्तर पर बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया.

सरकार ने फंसे हुए लोगों को शर्तों के साथ आवाजाही की अनुमति दी

देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य लोगों को बुधवार को कुछ शर्तों के साथ उनके गंतव्यों तक जाने की अनुमति दे दी गयी जिससे एक बड़े वर्ग को राहत मिल सकती है.

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने एक आदेश में कहा कि ऐसे फंसे हुए लोगों के समूहों को ले जाने के लिए बसों का इस्तेमाल किया जाएगा और इन वाहनों को सैनेटाइज किया जाएगा तथा सीटों पर बैठते समय सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा.

गृह मंत्रालय ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या किसी व्यक्ति या परिवार को निजी वाहन में जाने की इजाजत मिल सकती है और यदि अनुमति मिल सकती है तो उसके लिए क्या शर्तें होंगी. सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे आदेश में भल्ला ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, सैलानी, छात्र और अन्य लोग विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं.

उन्हें जाने की इजाजत दी जाएगी.” मंत्रालय ने शर्तें गिनाते हुए कहा कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस बाबत नोडल अधिकारी बनाने होंगे और ऐसे लोगों को रवाना करने तथा इनकी अगवानी करने के लिए मानक प्रोटोकॉल बनाने होंगे.

आदेश में कहा गया है कि नोडल अधिकारी अपने राज्यों में फंसे हुए लोगों का पंजीकरण भी करेंगे. इसके अनुसार यदि फंसे हुए लोगों का समूह किसी एक राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से दूसरे राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के बीच यात्रा करना चाहता है तो दोनों राज्य एक दूसरे से सलाह-मशिवरा कर सकते हैं और सड़क से यात्रा के लिए आपसी सहमति जता सकते हैं.

गृह मंत्रालय के अनुसार सफर करने वालों की स्क्रीनिंग की जाएगी. जिनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई देता उन्हें जाने की इजाजत दी जाएगी. आदेश के अनुसार बस के मार्ग में पड़ने वाले राज्य ऐसे लोगों को उनके राज्यों के लिए अपने यहां से गुजरने देंगे. इसमें कहा गया कि गंतव्य स्थल पर पहुंचने पर स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी उन पर नजर रखेंगे और उन्हें घर में पृथक-वास में रहने को कहा जाएगा.

अगर जरूरत लगती है तो संस्थागत पृथक-वास में भी रखा जा सकता है. गृह मंत्रालय के अनुसार इन लोगों पर लगातार नजर रखी जाएगी और समय समय पर इनकी स्वास्थ्य जांच होगी. इस अवसर का लाभ उठाने वाले लोगों को ‘आरोग्य सेतु’ ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा जिसके माध्यम से वे अपनी सेहत के स्तर पर नजर रख सकते हैं.

केंद्रीय गृह सचिव ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के अध्यक्ष के नाते यह आदेश जारी किया है. गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि संबंधित अधिकारी घरों में पृथक रहने के संबंध में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे. केंद्र सरकार का यह फैसला कई लाख प्रवासी मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों और अन्य ऐसे लोगों के लिए बड़ी राहत वाला हो सकता है जो देश के विभिन्न भागों में फंस गए हैं.

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