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Ministry of Home Affairs:मोदी सरकार के 100 दिन में आंतरिक चुनौतियों से निपटने के लिए उठाए गए अहम कदम

तीन नये आपराधिक कानूनों को लागू किया गया और तीन सितंबर तक 5.56 लाख मामले दर्ज किए गए. इसके अलावा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में संशोधन कर आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 लोक सभा में पेश किया गया है. इस कानून का मकसद आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने वाले विभिन्न केंद्रीय सरकारी संगठनों जैसे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के काम में स्पष्टता और समन्वय स्थापित करना है.

Ministry of Home Affairs: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन के एजेंडे के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कई अहम कदम उठाए हैं. इस दौरान तीन नये आपराधिक कानूनों को लागू किया गया. तीन सितंबर तक नये कानून के तहत देश में 5.56 लाख मामले दर्ज किए गए. मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में संशोधन कर आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 लोक सभा में पेश किया गया है. इस कानून का मकसद आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने वाले विभिन्न केंद्रीय सरकारी संगठनों जैसे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के काम में स्पष्टता और समन्वय स्थापित करना है.  इस कानून के तहत राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) और उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) जैसे कुछ अधिनियम-पूर्व संगठनों को वैधानिक दर्जा देना है. ताकि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (एसडीएमए) अधिक कुशलता के साथ काम कर सकें. इससे आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में संस्थागत तंत्र को मजबूती मिलेगी, जिससे आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में लगे लोगों के लिए रोजगार के अप्रत्यक्ष अवसर पैदा होंगे. इसके अलावा शहरी बाढ़ प्रबंधन, अग्निशमन सेवाओं, बादल फटने के खतरे अन्य आपदा प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय आपदा शमन कोष, राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष, राज्य आपदा शमन कोष और राज्य आपदा मोचन कोष से अब तक विभिन्न राज्यों को लगभग 12554 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है. महानगरों के लिए एकीकृत शहरी बाढ़ प्रबंधन परियोजना एवं कुछ शहरों के लिए शहरी बाढ़ जोखिम प्रबंधन कार्यक्रम के लिए एकीकृत समाधान तैयार करने के लिए 2514.36  करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. 


आंतरिक चुनौतियों से निपटने की पहल


केंद्र सरकार, त्रिपुरा सरकार और नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स टीटीएफ) के प्रतिनिधियों के बीच हाल में एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस ऐतिहासिक समझौते के तहत 328  सशस्त्र कैडर हिंसा त्याग कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होंगे. इस समझौते से त्रिपुरा राज्य में 35 साल से चल रहा संघर्ष समाप्त होगा. त्रिपुरा की जनजातीय आबादी के समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार चार साल में 250  करोड़ रुपये का विशेष विकास पैकेज देगी. वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए समग्र अभियान चलाने पर सहमति बनी है. गृह मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार मिलकर एक अभियान चलाएंगे ताकि वामपंथी उग्रवाद के कारण अनपढ़ रह गए लोगों को शिक्षा मुहैया कराया जा सके. इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही एक नयी आत्मसमर्पण नीति लाएगी ताकि युवाओं को हथियार छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने में मदद मिल सके. साइबर अपराध से निपटने के लिए ‘साइबर कमांडो’ के विशेष विंग का गठन होगा. पांच साल में 5000 साइबर कमांडो को प्रशिक्षित करने की योजना है. 

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