गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, मुश्ताक अहमद जरगर ‘नामित आतंकवादी’ घोषित, इस कारण जेल से करना पड़ा था रिहा
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लेते हुए आतंकवादी संगठन अल उमर-मुजाहिदीन के संस्थापक और मुख्य कमांडर मुश्ताक अहमद जरगर को आतंकी घोषित कर दिया है. जरगर को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) के तहत आतंकवादी घोषित किया गया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लेते हुए आतंकवादी संगठन अल उमर-मुजाहिदीन के संस्थापक और मुख्य कमांडर मुश्ताक अहमद जरगर को ‘नामित आतंकी’ घोषित कर दिया है. जरगर को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) के तहत आतंकवादी घोषित किया गया है. गौरतलब है कि, मुश्ताक अहमद जरगर का नाम उन आतंकवादियों में से एक था, जिन्हें 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट हाईजैक के बदले में भारत सरकार को रिहा करना पड़ा था.
Ministry of Home Affairs has designated Mushtaq Ahmed Zargar, founder and chief commander of AlUmar-Mujahideen, as a terrorist under the Unlawful Activities (Prevention) Act, 1967.
Zargar was one of the released terrorists in the 1999 Indian Airlines flight hijack. pic.twitter.com/sGfYkB3O15
— ANI (@ANI) April 14, 2022
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुश्ताक अहमद जरगर जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर का रहने वाला था. 1985 के दौरान वह आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया. आतंकी गतिविधियों को भी जरगर ने बढ़चढ़ कर अंजाम दिया है. जरगर ने 1989 में अपने पांच साथियों की रिहाई के लिए गृहमंत्री रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी का अपहरण कर लिया था. इस घटना के बाद सरकार को आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा था.
यात्रियों को बंधक बनाकर जरगर की कराई रिहाई
कड़ी मशक्कत के बाद भारत सरकार ने 1992 को जरगर को गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन उसके साथी उसकी रिहाई के प्रयास में लगे थे, इसी कड़ी में साल 1999 के दिसंबर महीने में काठमांडू से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी- 814 (IC-814) का आतंकियों ने अपहरण कर अफगानिस्तान के कंधार ले गए. इसके बाद आतंकियों ने यात्रियों की रिहाई के बदले भारत सरकार से मसूद अजहर, अहमद ओमर सईद शेख, मुश्ताक अहमद जरगर जैसे आतंकवादियों की रिहाई की मांग की. जिसके बाद भारत सरकार को इनकी रिहाई करना पड़ी.
इस आधार पर गृह मंत्रालय ने घोषित किया आतंकी
गृह मंत्रालय के एक आला अधिकारी के मुताबिक, साल 1991 में जरगर ने आतंक फैलाने के इरादे से अल उमर- मुजाहिद्दीन नाम से अपना अलग आतंकवादी संगठन बनाया था. आतंकी संगठन बनने के बाद जरगर ने जम्मू-कश्मीर में आतंक मचा दिया था, उसके संगठन ने कई हत्याएं की. इसी के बाद भारत सरकार ने कड़ी मशक्कत कर जरगर 1992 में गिरफ्तार किया था. लेकिन कंधार विमान हाईजैक के बाद उसे आतंकियों ने छुड़ा लिया था.
जाहिर है भारत सरकार लगातार आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करती आई है. आतंकवाद पर नकेल कसने के इरादे से ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद जैसे कातिलों को आतंकी करार दिया है. यहीं नहीं गृह मंत्रालय ने हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद को भी आतंकवादी घोषित कर दिया है. अब गृह मंत्रालय ने जरगर को भी आतंकी घोषित कर आतंकवाद पर करारा प्रहार किया है.