विद्युत मंत्रालय ने जारी किया बिजली संशोधन विधेयक का नया मसौदा
विद्युत मंत्रालय ने बिजली संशोधन विधेयक का नया मसौदा जारी सार्वजनिक सुझाव आमंत्रित करने के लिए जारी किया है. वर्ष 2014 के बाद यह इस तरह का चौथा मसौदा . सरकार कानन संशोधन कर के ‘विद्युत अनुबंध प्रवर्तन प्राधिकरण' (ईसीईए) बनाना चाह रही है.
नयी दिल्ली : विद्युत मंत्रालय ने बिजली संशोधन विधेयक का नया मसौदा जारी सार्वजनिक सुझाव आमंत्रित करने के लिए जारी किया है. वर्ष 2014 के बाद यह इस तरह का चौथा मसौदा . सरकार कानन संशोधन कर के ‘विद्युत अनुबंध प्रवर्तन प्राधिकरण’ (ईसीईए) बनाना चाह रही है.
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मंत्रालय ने 17 अप्रैल को यह मसौदा जारी किया और लोगों से तीन हफ्ते के भीतर अपने सुझाव देने को कहा है. प्रस्तावित प्राधिकरण बिजली उत्पादक और वितरण कंपनियों के बीच बिजली खरीद समझौते से जुड़े विवाद का निस्तारण करेगा.
इसे दीवानी अदालत के अधिकार होंगे. विधेयक के मसौदे के मुताबिक अनुबंधों की किसी धारा पर संबंधित पक्षों की स्थिति के बारे में निर्णय करने का अधिकार केवल ईसीईए को होगा. इसके निर्णय को विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण (एपटेल) और उसके बाद उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जा सकेगी.
अभी ऐसे विवाद केंद्र और राज्यों के स्तर पर कई मंचों में उठाये जाते रहे हैं. विधेयक के बारे में ‘ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन’ के पदाधिकारी वी. के. गुप्ता ने कहा, ‘‘ ईसीईए बिजली वितरण और उत्पादक कंपनियों के बीच विवाद निपटाने के मामले में केंद्र और राज्य स्तरीय बिजली नियामकों की शक्ति को कम करेगी.” वर्तमान में ऐसे विवादों का राज्य स्तर पर निवारण राज्य विद्युत नियामक और राज्यों के बीच के विवाद का निपटारा केंद्रीय विद्युत नियामक करता है