नयी दिल्ली: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों ने लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) की तैयारियां शुरू कर दी है. कांग्रेस ने चिंतन शिविर के लिए 6 समन्वय समिति बनायी है, तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने वर्ष 2014 और वर्ष 2019 के वोटिंग पैटर्न के आधार पर कमजोर बूथ को चिह्नित किया है, जिसे मजबूत करने की तैयारी शुरू हो गयी है.
बताया जा रहा है कि भाजपा ने देश भर में 73,000 कमजोर बूथ चिह्नित किये हैं, जहां पिछले दो चुनावों में भाजपा काफी कमजोर रही. इन कमजोर बूथों पर मजबूत कार्यकर्ता को नियुक्त करने की तैयारी की जा रही है, ताकि कमजोर बूथ को मजबूत बनाया जा सके. भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इसके लिए 4 सदस्यीय टीम का गठन किया है.
इस टीम की कमान विजयंत जे पांडा को सौंपी गयी है. पांडा के साथ इस टीम में कर्नाटक से विधायक और भाजपा के महामंत्री सीटी रवि, लाल सिंह आर्य और पश्चिम बंगाल के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष, जो अब पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, को जगह दी गयी है. इस टीम को यह जिम्मेदारी दी गयी है कि वे देश भर के कार्यकर्ताओं से मिलकर पता लगायें कि ये बूथ कमजोर क्यों हैं? यहां पार्टी का प्रदर्शन कमजोर क्यों है.
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बता दें कि भाजपा ने जिन कमजोर 73,000 बूथ को चिह्नित किया है, उसमें से अधिकतर दक्षिण भारत के राज्यों में हैं. हालांकि, कर्नाटक में भाजपा सत्ता में है और यहां मुख्य पार्टी है. इसलिए इस राज्य में पार्टी की स्थिति दक्षिण के अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा मजबूत है. तमिलनाडु में द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (डीएमके) की सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी काफी मुखर है. यहां भी भाजपा के कार्यकर्ता बूथ स्तर पर धीरे-धीरे ही सही, मजबूत हो रहे हैं.
केरल में भाजपा की स्थिति अच्छी नहीं है. भाजपा की ड्राफ्ट रिपोर्ट में इस बात को स्वीकार किया गया है. कहा गया है कि केरल की डेमोग्राफी पार्टी के पक्ष में नहीं है. ड्राफ्ट रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले एक साल के दौरान भाजपा के 25 कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या हुई है. जो नयी टीम बनायी गयी है, वह देश में भाजपा के संगठन और सभी 73,000 कमजोर बूथों पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है.
नयी टीम को सुझाव देने के लिए कहा गया है कि कैसे पार्टी को उन जगहों पर मजबूत किया जा सकता है, जहां अभी कमजोर है. बताया जा रहा है कि टीम अपना ड्राफ्ट पार्टी आलाकमान को सौंपेगी. इसमें उनके सुझाव भी शामिल होंगे. रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद पार्टी उन क्षेत्रों के लिए अलग से रणनीति बनायेगी, ताकि बूथ को मजबूत बनाया जा सके.