19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोरोना के दो वैक्सीन को मिक्स करना हो सकता है खतरनाक, सीरम के अध्यक्ष पूनावाला का दावा

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के अध्यक्ष साइरस पूनावाला ने कहा कि अगर दो टीकों का मिश्रण किया जाता है और परिणाम अच्छे नहीं होंगे इसमें काफी खतरा है.

नयी दिल्ली : सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के अध्यक्ष साइरस पूनावाला ने कहा कि कोरोनावायरस के दो वैक्सीन को मिक्स करना जोखिम भरा फैसला हो सकता है. उन्होंने दृढ़ता से कहा कि कोरोना के दो अलग-अलग टीकों को मिलाना एक बहुत ही जोखिम भरा निर्णय है और इसे प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि मैं टीकों के मिश्रण के खिलाफ हूं. अगर मिश्रण किया जाता है और परिणाम अच्छे नहीं होते हैं तो वैक्सीन निर्माता परिणामों के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहरायेंगे.

उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो वैक्सीन प्राधिकरण कभी भी इसे पूर्ण स्वीकृति नहीं देगा क्योंकि यह एक बहुत ही जोखिम भरा निर्णय है. यह समय की बर्बादी है. जब एक टीका काम कर रहा है तो हमें इसे क्यों मिलाकर और अधिक जटिलताएं पैदा नहीं करनी चाहिए. हमें इसे पूरी तरह से हतोत्साहित करना चाहिए. मैं कभी भी इस बात के लिए तैयार नहीं हो सकता हूं.

पूनावाला सीआईआई की ओर से विकसित किये गये कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड पर मीडियाकर्मियों को जानकारी दे रहे थे. इसी दौरान उन्होंने वैक्सीन के मिक्स किये जाने पर अपनी टिप्पणी दी. उन्होंने भारत में कोविशील्ड वैक्सीन की पहली और दूसरी खुराक के बीच की समय अवधि बढ़ाने के लिए भी केंद्र सरकार की आलोचना की. बता दें कि केंद्र सरकार ने दो बार कोविशील्ड के अंतराल को बढ़ाया है.

Also Read: Vaccine के बिना नहीं थमेगी तीसरी लहर, लगवाना ही पड़ेगा टीका, जानिए क्या कहते हैं देवघर एम्स के निदेशक

पूनावाला ने कहा कि आम तौर पर दूसरी खुराक दो से तीन महीने की अवधि के बीच लेनी चाहिए. जब ​​उत्पाद उपलब्ध नहीं होता है, तो सरकार एक समाधान ढूंढती है. इसी के तहत दूसरी खुराक तीन महीने के बाद दी जाने की बात सरकार ने कहा है. उन्होंने कहा कि दोनों खुराक के बीच केवल दो महीने का अंतर होना चाहिए. बूस्टर डोज के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हर किसी को दूसरी डोज लेने के छह महीने बाद तीसरी डोज लेनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि दूसरी डोज के कुछ दिनों के बाद शरीर में एंटीबॉडीज कम होने लगते हैं. तब बूस्टर डोज काफी कारगर साबित होता है. पूनावाला ने बताया कि उन्होंने वैक्सीन की तीसरी खुराक भी ले ली है और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कर्मचारियों को भी तीसरी खुराक दी जा रही है. अभी कुछ समय पहले, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें दिखाया गया था कि कैसे दो टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सिन को मिलाना अधिक फायदेमंद हो सकता है.

अध्ययन में 98 लोग शामिल थे, जिनमें उत्तर प्रदेश के एक गांव के वे 18 लोग भी हैं जिनको अनजाने में पहली खुराक के रूप में कोविशील्ड और दूसरी खुराक के रूप में कोवैक्सीन दी गयी थी. इससे पता चला कि इन दो COVID-19 टीकों के संयोजन से एक ही वैक्सीन की दो खुराक की तुलना में बेहतर इम्युनोजेनेसिटी प्राप्त हुई. इस बीच, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने दो COVID-19 टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सीन के मिश्रण पर किये जाने वाले अध्ययन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

Posted By: Amlesh Nandan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें