Loading election data...

मणिपुर हिंसा पर मिजोरम के सीएम जोरमथांगा ने व्यक्त की चिंता, कहा- यह कब रुकेगा ?

सीएम जोरमथांगा ने अपने पोस्ट में लिखा कि हालांकि, हम बहुत सद्भावना, प्रत्याशा और आशा के साथ आशा करते हैं कि चीजें बेहतर हो जाएंगी, लेकिन हालात और खराब होते दिख रहे हैं. यह कब रुकेगा?

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 4, 2023 10:17 PM
an image

Zoramthanga on Manipur Violence: मिजोरम के सीएम जोरमथांगा ने पड़ोसी राज्य मणिपुर में हिंसा खत्म करने की भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि यह भारत के जिम्मेदार और कानून का पालन करने वाले नागरिकों या संस्थाओं पर निर्भर है कि वे शांति बहाल करने के लिए तत्काल तरीकों की तलाश करें. जोरमथांगा ने एक पोस्ट में कहा, मई की शुरुआत में मणिपुर में एक क्रूर, अप्रिय और अनावश्यक घटना देखी गई. इसी क्षण, प्रातः 3:30, 4 जुलाई, 2023; ऐसा लगता है कि कुछ भी नहीं बदला है. हम गिनती कर रहे हैं, और आज 62वां दिन है.

120 से अधिक लोगों की हुई मौत

रिपोर्ट्स के अनुसार 3 मई के बाद से मणिपुर में 120 से अधिक लोग मारे गए हैं, 300 से अधिक घायल हुए हैं और लगभग 40,000 अपने घरों से बेघर हुए हैं, जब पूर्वोत्तर राज्य में संख्यात्मक रूप से प्रभावशाली मैतेई समुदाय – जो राज्य की आबादी का 53% है और विशेष रूप से आदिवासी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़क उठी. खासकर के कुकी समुदाय जो मुख्यतः पहाड़ी जिलों में रहते हैं.

यह कब रुकेगा?

सीएम जोरमथांगा ने अपने पोस्ट में लिखा कि हालांकि, हम बहुत सद्भावना, प्रत्याशा और आशा के साथ आशा करते हैं कि चीजें बेहतर हो जाएंगी, लेकिन हालात और खराब होते दिख रहे हैं. यह कब रुकेगा? मैं अपने मणिपुरी ज़ो जातीय भाई के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, उन लोगों के लिए मेरी निरंतर प्रार्थनाएं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके घर और परिवार टूट गए हैं. दयालु प्रभु आपको इस विनाशकारी घटना से उबरने की शक्ति और बुद्धि प्रदान करें.


क्या हमें चुप रहकर स्थिति को शांत कर देना चाहिए?

सीएम जोरमथांगा ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि, मैं चाहता हूं कि चर्चों को जलाए जाने, क्रूर हत्याओं और सभी प्रकार की हिंसा की तस्वीरें और वीडियो क्लिप, लिंग और उम्र की परवाह किए बिना, अब और न देखूं. यदि शांति स्थापित करने का केवल एक ही रास्ता है, तो क्या हम उसे चुनेंगे? कई लोगों की जान चली गई है, हर तरफ खून-खराबा हो रहा है, शारीरिक यातनाएं दी जा रही हैं और पीड़ित जहां भी संभव हो शरण की तलाश कर रहे हैं. बिना किसी संदेह के, वे पीड़ित मेरे रिश्तेदार और रिश्तेदार हैं, मेरा अपना खून है और क्या हमें चुप रहकर स्थिति को शांत कर देना चाहिए?

केंद्र सरकार मानवीय आधार पर हमारी तत्काल मदद करे

सीएम जोरमथांगा ने अपने पोस्ट में लिखा, मुझे ऐसा नहीं लगता! मैं शांति और सामान्य स्थिति की तत्काल बहाली का आह्वान करना चाहूंगा. भारत के जिम्मेदार और कानून का पालन करने वाले नागरिकों या संस्थाओं के लिए यह अनिवार्य और अनिवार्य है कि वे शांति बहाली के लिए तत्काल रास्ते तलाशें. मानवीय स्पर्श के साथ विकास और सबका साथ सबका विकास मणिपुर में मेरी ज़ो जातीय जनजातियों पर भी लागू होता है! मणिपुर में क्रूर हिंसा के परिणामस्वरूप मिजोरम में 12,000 लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हो गए हैं. मणिपुर, म्यांमार और बांग्लादेश से शरणार्थियों और/या आईपी की संख्या 50,000 से अधिक हो गई है. मैं कामना और प्रार्थना करता हूं कि केंद्र सरकार मानवीय आधार पर हमारी तत्काल मदद करे.

Exit mobile version