एआईयूडीएफ विधायक अमीनुल इस्लाम ने असम के सीएम हिमंत विस्वा सरमा को लेकर कहा है कि उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था. गौरतलब है कि, एआईयूडीएफ विधायक अमीनुल इस्लाम ने दावा किया है कि, मां कामाख्या मंदिर के लिए मुगल शासन औरंगजेब ने जमीन दान में दी थी. जिसपर सीएम हिंमंत विस्वा सरमा ने कहा था कि ऐसा बयान जो देगा उसे जेल जाना पड़ेगा.
विधायक अमीनुल इस्लाम ने कहा है कि धर्मनिरपेक्षता हजारों शासकों के शासन के दौरान अस्तित्व में थी, चाहे उनका धर्म कुछ भी रहा हो. ऐसे में असम के सीएम का ये बयान कि कैसे हमें आजादी के बाद केवल धर्मनिरपेक्षता मिली और कैसे मुसलमानों ने 300 साल पहले देश में प्रवेश किया, गलत हैं.
Secularism existed during the rule of thousands of rulers, irrespective of their religion. So these statements of Assam's CM, about how we only got secularism after independence & how Muslims entered the country only 300 years back, are wrong: AIUDF MLA Aminul Islam
— ANI (@ANI) December 8, 2021
विधायक अमीनुल इस्लाम ने ये भी तर्क दिया है कि महेश्वर नियोग की पवित्र असम किताब के मुताबिक औरंगजेब के एक अधिकारी ने ऐसा फरमान जारी किया था. उन्होंने कहा कि, मुझे धमकाने के बजाय सीएम सरमा को असम साहित्य सभा को वोंग बुक प्रकाशित करने के लिए धमकाना चाहिए.
गौरतलब है कि विधायक अमीनुल इस्लाम ने अपने बयान में कहा था कि, औरंगजेब ने भारत में सैकड़ों मंदिरों के लिए भूमि दान की थी, मुगल शासन औरंगजेब ने वाराणसी के जंगमवाड़ी मंदिर को भी 178 हेक्टेयर जमीन दान में दी थी. उन्होंने कहा था कामाख्या मंदिर के लिए जमीन का अनुदान अभी भी ब्रिटिश संग्रहालय में रखा है.
विधायक अमीनुल इस्लाम की इस टिप्पणी पर असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि इस तरह के बयान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीएम ने कहा कि अगर इस तरह का बयान अमीनुल इस्लाम दोबारा देंगे तो उन्हें भी जेल जाना पड़ेगा. सीएस सरमा ने कहा था कि सभ्यता, संस्कृति के खिलाफ बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
Posted by: Pritish sahay