NDA में फूट! केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी यह पार्टी
26 दलों का गठबंधन I-N-D-I-A अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट करेगी. वहीं, एनडीए गठबंधन की एक पार्टी भी सरकार के खिलाफ वोट कर सकती है. जानिए कौन और क्यों?
No-Motion Confidence In Lok Sabha : लोकसभा में विपक्ष की ओर से अविश्ववास लाया जा रहा है. इसपर पीएम मोदी गुरुवार को जवाब भी देंगे. ऐसे में जहां एक ओर 26 दलों का गठबंधन I-N-D-I-A प्रस्ताव के समर्थन में वोट करेगी वहीं, एनडीए गठबंधन की एक पार्टी भी सरकार के खिलाफ वोट कर सकती है. मिजोरम में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा संसद में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी. लोकसभा सांसद सी लालरोसांगा ने गुरुवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वह मणिपुर सरकार तथा पड़ोसी राज्य में जातीय हिंसा से निपटने में केंद्र की ‘‘नाकामी’’ को लेकर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में मतदान करेंगे. एमएनएफ, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा है.
‘मणिपुर सरकार की पूर्ण नाकामी पर विरोध में प्रस्ताव का समर्थन’
लालरोसांगा ने कहा, ‘‘मैं विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करूंगा. इसलिए नहीं कि मैं कांग्रेस का समर्थन करता हूं या भाजपा के खिलाफ जाना चाहता हूं बल्कि स्थिति को संभालने में सरकारों खासतौर से मणिपुर सरकार की पूर्ण नाकामी पर विरोध दर्शाने के लिए इस प्रस्ताव का समर्थन करूंगा.’’ सांसद ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर पार्टी के अध्यक्ष एवं मणिपुर के मुख्यमंत्री जोरामथांगा तथा अन्य नेताओं से चर्चा की और उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने पर सहमति जतायी है.
आज संसद में जवाब देंगे पीएम मोदी
लालरोसांगा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर आज संसद में जवाब देंगे जिसके बाद इस पर मतदान हो सकता है. कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में केंद्र सरकार के कई मंत्रियों ने अपनी बात रखी लेकिन मणिपुर का प्रतिनिधित्व करने वाले विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह को सदन में अपनी बात रखने का मौका क्यों नहीं दिया गया.
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रंजन सिंह का निजी आवास जला दिया गया था
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, “अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कई मंत्री लोकसभा में अपनी बात रख चुके हैं. ऐसा क्यों है कि लोकसभा में इनर मणिपुर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय राज्य मंत्री एवं भाजपा सांसद राजकुमार रंजन सिंह को भाजपा ने संसद में मणिपुर के लिए बोलने का मौका नहीं दिया है?” उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि मणिपुर में हिंसा के दौरान रंजन सिंह का निजी आवास जला दिया गया था. लोकसभा में सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाये गए अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार को चर्चा आरंभ हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चर्चा पर जवाब देंगे.
मणिपुर विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाने की मांग
संसद का मानसून सत्र खत्म होने से पहले मणिपुर विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर इंफाल घाटी में सैकड़ों महिलाओं ने मशाल लेकर रैलियां निकालीं. इंफाल वेस्ट जिले में केसामपट, केसामठोंग और क्वाकेठेल और इंफाल ईस्ट जिले में वांगखेई और कोंगबा में बुधवार रात करीब साढ़े नौ बजे रैलियां निकाली गयीं.
कुकी समूहों द्वारा की जा रही अलग प्रशासन की मांग
रैली में भाग लेने वाली एक महिला इंगुदम बबीता ने वांगखेई में पत्रकारों से कहा, ‘‘विधानसभा सत्र में सरकार को राज्य की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने का एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए और संसद को भेजना चाहिए जिसका सत्र अभी जारी है.’’ महिलाओं ने कुकी समूहों द्वारा की जा रही अलग प्रशासन की मांग के खिलाफ और राज्य में ‘अवैध’ प्रवासियों की पहचान करने के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने के लिए भी नारे लगाए.
21 अगस्त से विधानसभा का सत्र बुलाने की सिफारिश
मणिपुर मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह राज्यपाल अनसुइया उइके से 21 अगस्त से विधानसभा का सत्र बुलाने की सिफारिश की थी. विधानसभा का पिछला सत्र मार्च में हुआ था और मई में राज्य में हिंसा भड़क उठी. राज्य में 27 विधानसभा क्षेत्रों की समन्वय समिति द्वारा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग को लेकर गत शनिवार को 24 घंटे की हड़ताल से इंफाल घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ था.
सोर्स : भाषा इनपुट