मनरेगा योजना विसंगतियों का शिकार, PM मोदी ने बदलाव का किया समर्थन
पीएम मोदी ने विभिन्न राज्यों में मनरेगा के काम में विसंगतियों की तरफ भी इशारा किया, जिसे दूर करने की जरूरत है. पीएम ने इस दौरान माना कि मनरेगा के तहत राज्यों को दिए जाने वाले पैसे गरीबों तक नहीं पहुंच पा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ग्रामीण क्षेत्र में चल रही योजना की समीक्षा बैठक की थी, जहां कई कल्याणकारी योजनाओं को भी हरी क्षंडी दिखाई गई. इस बैठक में पीएम मोदी ने मनरेगा जैसी योजना पर चिंता भी जाहीर की. बताते चले कि केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और प्रमुख कल्याण कार्यक्रम के अध्ययन के लिए एक पैनल का गठन किया है, जो योजनाओं की समीक्षा कर रिपोर्ट देगी.
मनरेगा को लेकर पीएम मोदी ने जाहीर की चिंता
नाम न छापने की शर्त पर पर एक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि पीएम मोदी ने विभिन्न राज्यों में मनरेगा के काम में विसंगतियों की तरफ भी इशारा किया, जिसे दूर करने की जरूरत है. पीएम ने इस दौरान माना कि मनरेगा के तहत राज्यों को दिए जाने वाले पैसे गरीबों तक नहीं पहुंच पा रहा है. उन्होंने कहा था कि मनरेगा का उद्देश्य गरीबी उन्मूलन है, लेकिन गरीब राज्यों को मनरेगा फंड का हिस्सा नहीं मिल रहा है.
6 राज्यों में मनरेगा पर खर्च हुए 17,814 करोड़ रुपये
ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, छह राज्यों- छह राज्यों- बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा और उत्तर प्रदेश ने चालू वित्त वर्ष में रोजगार योजना में अकुशल श्रमिकों के लिए 45,770 करोड़ रुपये में से अब तक 17,814 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. जबकि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-21 के अनुसार, जिन छह राज्यों में भारत की गरीब आबादी का 64.5% हिस्सा है. उन्होंने इस वर्ष अब तक मनरेगा फंड का 38.9% उपयोग किया है.
देखें इन राज्यों का वेतन बिल
भारत के कुछ राज्यों में मनरेगा लाभार्थियों की वेतन बील की बात करें, तो 2 दिसंबर तक उत्तर प्रेदश का वेतन बिल 5,157 करोड़ रुपये है, जो अन्य राज्यों से सबसे अधिक है. इसके बाद तमिलनाडु का 5,102 करोड़ रुपये और राजस्थान का 4,144 करोड़ रुपये था. वहीं, बिहार में मनरेगा मजदूरी बिल 4,030 करोड़ रुपये, छत्तीसगढ़ 1,061 करोड़ रुपये, झारखंड 1,325 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश 3,397 करोड़ रुपये और ओडिशा 2,842 करोड़ रुपये था.