Asaduddin Owaisi on Mohan Bhagwat : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि लिंचिंग (पीटकर मार डालने) की घटनाओं में शामिल लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं. हालांकि, लिंचिंग के कुछ झूठे मामले भी दर्ज किये गये हैं. भागवत के इस बयान पर एआईएमआईएम के मुखिया एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्विटर वॉल पर एक के बाद एक तीन ट्वीट किये. पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि संघ के भागवत ने कहा है कि लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी…इन अपराधियों को गाय और भैंस में फ़र्क़ नहीं पता है….लेकिन क़त्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक़, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही बहुत थे…ये नफ़रत जो है वो हिंदुत्व की देन है….इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही प्राप्त है…
आगे असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा कि केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी की जाती है, अखलाक़ के हत्यारे की लाश पर तिरंगा लहराने का काम किया जाता है, आसिफ़ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुला ली जाती है, आगे उन्होंने कहा कि यहां भाजपा का प्रवक्ता पूछता है कि क्या हम मर्डर भी नहीं कर सकते? अगले ट्वीट में असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा कि कायरता, हिंसा और क़त्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोंच का अटूट हिस्सा है…मुसलमानो की लिंचिंग की बात करें तो ये भी इसी सोच का नतीजा ही है…
कायरता, हिंसा और क़त्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोंच का अटूट हिस्सा है।मुसलमानो की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है। 3/3
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 5, 2021
क्या कहा था भागवत ने : राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा ‘हिंदुस्तानी प्रथम, हिंदुस्तान प्रथम’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों. मुसलमानों को डर के इस चक्र में नहीं फंसना चाहिए कि भारत में इस्लाम खतरे में है. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि यदि कोई कहता है कि मुसलमानों को भारत में नहीं रहना चाहिए तो वह हिंदू नहीं है. उन्होंने कहा कि देश की एकता के बिना विकास संभव नहीं है. एकता का आधार राष्ट्रवाद और पूर्वजों का गौरव होना चाहिए. हिंदू-मुस्लिम संघर्ष का एकमात्र समाधान संवाद है, न कि विसंवाद. संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता की बात भ्रामक है, क्योंकि वे अलग नहीं, बल्कि एक हैं.
हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं : आगे भागवत ने कहा कि हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं. यहां हिंदुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता, यहां केवल भारतीयों का वर्चस्व हो सकता है. लोगों में इस आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता कि उनका पूजा करने का तरीका क्या है संघ राष्ट्र को सशक्त बनाने और समाज में सभी लोगों के कल्याण के लिए कार्य करता है. भागवत ने ख्वाजा इफ्तकार अहमद की किताब ‘द मीटिंग ऑफ माइंड्स’ का विमोचन भी किया.
RSS के भागवत ने कहा "लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी"।इन अपराधियों को गाय और भैंस में फ़र्क़ नहीं पता होगा लेकिन क़त्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक़, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे।ये नफ़रत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है। 1/3
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 5, 2021
विहिप ने भी किया संघ प्रमुख के विचारों का समर्थन : संघ प्रमुख मोहन भागवत के विचारों का विहिप ने भी समर्थन किया है. परिषद की ओर से आलोक कुमार ने कहा कि हम सभी को जोड़ने वाला तत्व भारतीयता है. एक मां की हम सब संतान हैं. सारी व्यवस्थाएं डॉ आंबेडकर द्वारा बनाये संविधान से चलती हैं. इसलिए हिंदू व मुसलमान सभी का डीएनए एक होने के कारण हम में कोई मौलिक मतभेद नहीं है.
Posted By : Amitabh Kumar