आंध्रप्रदेश में परिवहन मंत्री पिनिपे विश्वरूपु (Pinipe Viswarupu) के घर लोगों ने आगजनी और तोड़फोड़ कर दी. अमलापुरम शहर में नये जिले के नाम को लेकर मंगलवार को हिंसा भड़क उठी. इस दौरान ट्रांसपोर्ट मंत्री के घर में उत्तेजित लोगों ने आगजनी और तोड़फोड़ कर दी. हालांकि, पुलिस ने मंत्री और उनके परिवार के सभी सदस्यों को पहले ही सुरक्षित निकाल लिया था.
बता दें कि आंध्रप्रदेश के नवगठित जिले कोनासीमा (Konaseema) का नाम बदलकर बीआर आंबेडकर कोनासीमा जिला करने के प्रस्ताव से लोग नाराज हैं. इस फैसले के खिलाफ मंगलवार को जिला मुख्यालय पर लोग प्रदर्शन करने पहुंच गये. प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. अमलापुरम शहर में हिंसा भड़क उठी. भीड़ ने परिवहन मंत्री के घर को आग के हवाले कर दिया.
#WATCH | MLA Ponnada Satish's house was set on fire by protestors in Konaseema district in Andhra Pradesh today, the protests were opposing the naming of the district as Dr BR Ambedkar Konaseema district pic.twitter.com/XzJskKqhz3
— ANI (@ANI) May 24, 2022
भीड़ यहीं नहीं रुकी, एमएलए पोन्नाडा सतीश के घर को भी आग के हवाले कर दिया. हिंसा में कई पुलिसकर्मियों के भी जख्मी होने की खबर है. दरअसल, पुलिस के लाठीचार्ज करने के बाद भीड़ ने उन पर पथराव कर दिया. पुलिस की एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया. एक शिक्षण संस्थान की बस को भी भीड़ ने फूंक दिया.
उल्लेखनीय है कि आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाइएस जगन मोहन रेड्डी ने पूर्वी गोदावरी जिला से अलग कोनासीमा जिले का गठन करने का ऐलान 4 अप्रैल को किया था. गत सप्ताह राज्य सरकार ने कोनासीमा जिले का नाम बदलकर बीआर आंबेडकर कोनासीमा जिला करने की अधिसूचना जारी कर लोगों से आपत्तियां मांगी थी. कोनासीमा साधना समिति (Konaseema Sadhana Samiti) ने नाम बदलने के प्रस्ताव पर आपत्ति जतायी. समिति ने कहा कि जिले का नाम कोनासीमा (Konaseema) ही रहने दिया जाये.
मंगलवार को समिति जिलाधिकारी हिमांशु शुक्ला को जिले का नाम बदलने के खिलाफ ज्ञापन देने पहुंची थी. इसी दौरान उनलोगों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इससे लोग उग्र हो गये और अमलापुरम (Amalapuram) में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं.
आंध्रप्रदेश की गृह मंत्री तानेती वनिता ने इसके लिए विपक्षी पार्टियों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों और असामाजिक तत्वों ने भीड़ को भड़काया. उन्होंने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. हिंसक घटना में कम से कम 20 पुलिसकर्मी चोटिल हुए हैं. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच करायी जायेगी. जो भी दोषी पाये जायेंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी.