मोबाइल टेलिफोन के भारत आए आज हो गए 25 साल, कौन दो लोग थे जिनके बीच हुई थी पहली बात

mobile history in india, bharat main mobile kab aaya, telephone history : आज से 25 साल पहले ही भारत में मोबाइल टेलीफोन की शुरूआत हुई थी, जिसे मोबाइल क्रांति की नींव पड़ी थी. भारत में इससे पहले, डाक या टेलीग्राम के जरिए सूचना पहुंचाई जाती थी. बता दें कि भारत में पहली बार मोबाइल टेलीफोन पर बातचीत केंद्रीय दूरसंचार मंत्री सुखराम चौधरी और पश्चिम बंगाल के सीएम ज्योति बासु ने की थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2020 12:47 PM

नयी दिल्ली : आज से 25 साल पहले ही भारत में मोबाइल टेलीफोन की शुरूआत हुई थी, जिसे मोबाइल क्रांति की नींव पड़ी थी. भारत में इससे पहले, डाक या टेलीग्राम के जरिए सूचना पहुंचाई जाती थी. बता दें कि भारत में पहली बार मोबाइल टेलीफोन पर बातचीत केंद्रीय दूरसंचार मंत्री सुखराम चौधरी और पश्चिम बंगाल के सीएम ज्योति बासु ने की थी.

मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार भारत में मोबाइल टेलीफोन की सबसे पहले शुरूआत 31 जुलाई 1995 में हुई थी, जिसके बाद यह भारत में दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार का जरिया बन गया है. बता दें कि शुरूआत के दिनों में आउटगोइंग के साथ इनकॉमिंग कॉल के भी पैसे लगते थे.

बता दें कि मोबाइल टेलीफोन पर सबसे पहले बातचीत कोलकाता से दिल्ली हुई थी. यह बातचीत केंद्रीय मंत्री और सीएम के बीच हुई थी. केंद्रीय दूरसंचार मंत्री सुखराम और पश्चिम बंगाल के सीएम ज्योति बासु टेलीफोन से बातचीत किया था.

मोदी टेलस्ट्रा नेटवर्क- रिपोर्ट के मुताबिक देश में पहली बार मोदी टेलस्ट्रा नेटवर्क के जरिए बातचीत हुई थी. यह कंपनी टेलस्ट्रा जो कि एक ऑस्ट्रेलियाई कंपनी थी, उसका संयुक्त वेंचर्स था. कंपनी द्वारा इनकमिंग कॉल का भी पैसा लिया जाता था. कंपनी को पहली बार सेलुलर सर्विस प्रोवाइड करने का लाइसेंस दिया गया था.

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40 हजार थी कीमत– शुरुआती समय में मोबाइल की कीमत 40 हजार रुपए थी. वहीं एक कॉल के लिए उपभोक्ता को 18 रूपया चुकाना होता है. शुरुआती दिनों में इसकी कीमत काफी अधिक होने के कारण उपभोक्ता का ध्यान इस पर नहीं गया. भारत में अभी लगभग 120 करोड़ लोगों तक नेटवर्क कनेक्शन है.

ग्रामीण क्षेत्रों में 52 करोड़ के पास मोबाइल- सीओएआई की रिपोर्ट के अनुसार देश में वर्तमान में 116 करोड़ लोगों के पास मोबाइल कनेक्शन है. इतना ही नहीं देश में वर्तमान में 52 करोड़ ग्रामीणों के पास यह सुविधा उपलब्ध है, जो चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. भारत की कई कंपनियां अब 5जी लॉन्च करने की कोशिश में है.

Posted by : Avinish Kumar Mishra

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