मॉडर्ना कोविड वैक्सीन इस सप्ताह पहुंचेगा भारत, क्षतिपूर्ति को लेकर स्थिति अब भी अस्पष्ट
मॉडर्ना कोविड वैक्सीन इस सप्ताह भारत पहुंच सकता है, लेकिन यहां मुद्दा यह है कि क्या सरकार उन्हें कानूनी क्षतिपूर्ति प्रदान करेगी? अगर मॉडर्ना को यह सहूलियत मिलती है तो अन्य कंपनियां भी सरकार से इस तरह की मांग कर सकती है. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मॉडर्ना को सरकार कानूनी क्षतिपूर्ति प्रदान करेगी या नहीं.
मॉडर्ना कोविड वैक्सीन इस सप्ताह भारत पहुंच सकता है, लेकिन यहां मुद्दा यह है कि क्या सरकार उन्हें कानूनी क्षतिपूर्ति प्रदान करेगी? अगर मॉडर्ना को यह सहूलियत मिलती है तो अन्य कंपनियां भी सरकार से इस तरह की मांग कर सकती है. हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मॉडर्ना को सरकार कानूनी क्षतिपूर्ति प्रदान करेगी या नहीं.
मॉडर्ना भारत में आने वाली पहली अमेरिकी वैक्सीन होगा. यही वजह है कि सबकी निगाहें इस वैक्सीन के भारत में लॉन्च होने के तकनीक पर लगी है. वजह यह है कि मॉडर्ना जिस रास्ते से भारत में पहुंचेगा उसी रास्ते से अन्य विदेशी वैक्सीन भी भारत आयेगा.
गौरतलब है कि पिछले महीने 29 जून को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने सिप्ला को अमेरिका से मॉडर्ना वैक्सीन आयात करने की अनुमति दी थी. कोरोना वायरस के खिलाफ मॉडर्ना की प्रभावकारिता 94.1 प्रतिशत है. मॉडर्ना और फाइजर दुनिया में सबसे अधिक प्रभावकारिता वाले दो टीके हैं.
इन वैक्सीन के बारे में कहा जाता है कि वे कोरोना वायरस के हर वैरिएंट के खिलाफ कारगर हैं. दोनों वैक्सीन mRNA टीके हैं जिनमें हमारी कोशिकाओं के लिए आनुवंशिक निर्देश होते हैं. न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अमेरिकी अध्ययन में कहा गया है कि जिन लोगों को इन दोनों टीकों को लिया है उनमें संक्रमण की आशंका 91 प्रतिशत तक नहीं होती है.
भारत में अभी तीन वैक्सीन दिया जा रहा है, जिसमें सीरम इंस्टीट्यूट का कोविशील्ड, भारत बायोटेक का कोवैक्सीन और रुस का टीका स्पूतनिक वी शामिल है. अबतक देश में 36 करोड़ टीका का डोज दिया जा चुका है.
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Posted By : Rajneesh Anand