छात्रों के बैंक खाते में मोदी सरकार जमा कर रही 7 लाख रुपये ? जानें वायरल मैसेज की सच्चाई
PIB Fact Check,jeevan lakshya scheme सोशल मीडिया में इस समय एक खबर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) छात्र-छात्रों के बैंक खाते में 7 लाख रुपये जमा कर रही है.
PIB Fact Check : सोशल मीडिया में इस समय एक खबर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) छात्र-छात्रों के बैंक खाते में 7 लाख रुपये जमा कर रही है.
दरअसल यूट्यूब (YouTube) में वायरल खबर में दावा किया जा रहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार ‘जीवन लक्ष्य योजना’ (jeevan lakshya scheme) के तहत सभी छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में 7 लाख रुपये की धनराशि दे रही है. यूट्यूब पर चल रही इस खबर को लोग तेजी से वायरल कर रहे हैं, लेकिन जब इस खबर की पड़ताल की गयी तो पाया गया कि यह पूरी तरह से फर्जी (Fake news) है. खबर में कोई सच्चाई नहीं है, सरकार इस समय इस तरह की कोई भी योजना नहीं चला रही है.
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पीआईबी की फैक्ट चेक टीम ने वायरल मैसेज की सच्चाई की पूरी पड़ताल की और पाया कि यह खबर पूरी तरह से झूठी और भ्रामक है. पीआईबी फैक्ट चेक ने अपने ट्विटर हैंडल से वायरल मैसेज को लेकर ट्वीट किया और लोगों को ऐसी भ्रामक खबरों से बचने की सलाह भी दी.
दावा : एक #YouTube वीडियो में यह दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार 'जीवन लक्ष्य योजना' के तहत सभी छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में 7 लाख रुपए की धनराशि दे रही है।#PIBFactCheck: यह दावा फ़र्ज़ी है। केंद्र सरकार ऐसी कोई योजना नहीं चला रही है। pic.twitter.com/rMCwcBCXDJ
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) November 16, 2020
क्या है वायरल मैसेज और पीआईबी ने जांच में क्या पाया
दावा : एक YouTube वीडियो में यह दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ‘जीवन लक्ष्य योजना’ के तहत सभी छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में 7 लाख रुपये की धनराशि दे रही है.
PIB Fact Check : पीआईबी फैक्ट चेक ने साफ किया और कहा, यह दावा फर्जी है. केंद्र सरकार ऐसी कोई योजना नहीं चला रही है.
गौरतलब है कि सोशल मीडिया में इस समय इस तरह की फर्जी और भ्रामक खबरें तेजी से वायरल हो रही हैं. जिससे बचने के लिए सरकार कई बार विज्ञापन देकर या ट्वीट कर लोगों को जागरूक रहने की सलाह देती है. हमें सोशल मीडिया के दौर में किसी भी खबर या वीडिया, फोटो को बिना जांच-पड़ताल किये किसी के पास भेजने से हमेशा बचना चाहिए. जबतक खबर की पूरी सच्चाई नहीं मालूम हो जाती उसे दूसरों के पास भेजना अपराध है.
Posted By – Arbind Kumar Mishra