नयी दिल्ली : कोरोनावायरस के फैलते संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने सभी सार्वजनिक उपक्रमों को निर्देश दिया है कि वे अपने करीब आधे गैर-कार्यकारी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से घर से काम करने की सुविधा दें. सार्वजनिक उपक्रम विभाग ने एक आधिकारिक ज्ञापन में कहा कि इन आदेशों पर तत्काल प्रभाव से अमल किया जाना चाहिए तथा ये चार अप्रैल, 2020 तक प्रभावी रहेंगे.
केंद्र सरकार के उपक्रमों को अपने कार्यालयों, संयंत्रों, इकाइयों आदि में भीड़ के जमा होने से बचाव के लिए एक साप्ताहिक रोस्टर बनाने को कहा गया है. रोस्टर बनाते समय यह ध्यान रखने को भी कहा गया है कि किसी भी दिन 50 फीसदी से अधिक गैर-कार्यकारी कर्मचारी कार्यालय में उपस्थित नहीं हों. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के निर्देश पर सार्वजनिक उपक्रम विभाग ने कहा है कि शेष 50 फीसदी गैर-कार्यकारी कर्मचारी घर से काम करेंगे.
इसी तरह रोस्टर के तहत पहले सप्ताह घर से काम करने वाले कर्मचारी दूसरे सप्ताह कार्यालय आकर काम करेंगे. यह सलाह दी जाती है कि पहले सप्ताह का रोस्टर बनाते समय उन अधिकारियों को कार्यालय बुलाया जाए, जो आस-पास रहते हों या अपने वाहन से आवागमन करते हों. कार्मिक मंत्रालय ने गुरुवार को सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि दूसरी और तीसरी श्रेणी के कर्मचारियों का 50 फीसदी ही एक दिन कार्यालय आएं और शेष 50 फीसदी घर से काम करे.
ज्ञापन में कहा गया कि जो कर्मचारी कार्यालय आएं, उनके लिए भी कार्य का समय इस तरह से रखा जाना चाहिए कि लोगों का एक-दूसरे से कम से कम मिलना संभव हो. इनके लिए तीन समूह या श्रेणियां बनायी जाएं और उपक्रम की सुविधा के हिसाब से एक बार में एक श्रेणी को कार्यालय आने को कहा जाएं. वैसे, अधिकारी जिनका कार्यालय में होना अनिवार्य नहीं है, उन्हें घर से काम करने को तथा कार्य की पूरी अवधि के दौरान टेलीफोन समेत डिजिटल संपर्क के अन्य माध्यमों पर हमेशा तैयार रहना चाहिए. यदि कार्य के बोझ को देखते हुए उन्हें कार्यालय बुलाया जाता है, तो उन्हें पहुंचना होगा.
हालांकि, ये निर्देश उन कार्यालयों, इकाइयों और कर्मचारियों पर लागू नहीं हैं, जो आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं से जुड़े हैं तथा कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के अभियान का हिस्सा हैं. सरकार ने कंपनियों को भी परामर्श दिया है कि वे अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दें.