एफसीआरए में संशोधन की तैयारी में सरकार, अब रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड होगा जरूरी

विदेशी फंड (FCRA) लेने के लिए आधार कार्ड (Aadhar card) अब अनिवार्य हो जायेगा. सरकार इसे लेकर तैयारी कर रही है. लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने रविवार को विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम संशोधन विधेयक (foreign contribution Regulation Act) 2020 को पेश किया. इससे पहले उन्होंने कहा कि देश के सभी धार्मिक संगठन तब तक विदेशी फंड प्राप्त कर सकते हैं जब तक उस धन का इस्तेमाल वो धार्मिक उद्देश्यों के लिए करते हैं ना कि देश की आंतरिक सुरक्षा को कम करने के लिए इस धन का इस्तेमाल होता है. हालांकि कांग्रेस और टीएमसी ने इसका बिल पर विरोध जताया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2020 9:09 AM

विदेशी फंड (FCRA) लेने के लिए आधार कार्ड (Aadhar card) अब अनिवार्य हो जायेगा. सरकार इसे लेकर तैयारी कर रही है. लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने रविवार को विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम संशोधन विधेयक (foreign contribution Regulation Act) 2020 को पेश किया. इससे पहले उन्होंने कहा कि देश के सभी धार्मिक संगठन तब तक विदेशी फंड प्राप्त कर सकते हैं जब तक उस धन का इस्तेमाल वो धार्मिक उद्देश्यों के लिए करते हैं ना कि देश की आंतरिक सुरक्षा को कम करने के लिए इस धन का इस्तेमाल होता है. हालांकि कांग्रेस और टीएमसी ने इसका बिल पर विरोध जताया है.

क्या है संशोधन

विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम संशोधन विधेयक, 2020 के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों और सरकार के स्वामित्व और नियंत्रण वाली निगमों को विदेशी धन प्राप्त करने पर पांबदी होगी.

इस विधेयक के जरिये सरकार को यह अधिकार मिलेगा की वह घरेलू गैर सरकारी संगठन द्वारा विदेशी फंड के इस्तेमाल पर रोक लगा सकती है. गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा विदेशी धन के गलत इस्तेमाल करने की शिकायत मिलने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है.

विधेयक के तहत एफसीआरए अनुमोदन प्राप्त करने वाले संगठनों के पदाधिकारियों के लिए अपने आधार कार्ड की पूरी जानकारी देना अनिवार्य कर दिया जायेगा. सरकारी अधिकारी और सरकार के स्वामित्व वाले निगम इस धन को प्राप्त नहीं कर पायेंगे. इससे पहले केवल विधायकों, पत्रकारों, न्यायाधीशों और चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को विदेशी फंड लेने की अनुमति नहीं थी.

इसके अलावा 1976 अधिनियम के मूल में एक और बदलाव किया गया है जिसके तहत सरकार वर्तमान कानून में प्रदान की गई 180-दिवसीय अवधि से अलग एफसीआरए प्रमाणपत्र को निलंबित कर सकती है. विधेयक विरोध करते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि विधेयक के ड्राफ्ट में बताया गया है कि सरकार ने 2010 और 2019 के बीच 19,000 संगठनों के एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिए हैं, पर विधेयक में इस बात की जानकारी नहीं है कि कितने संगठनों पर जांच के बाद आरोप सही पाये गये.

विधेयक पर बोलते हुए कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और टीएमसी की सौगत राय की राय ने कहा आधार का प्रावधान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार था, पर उन्होंने कहा कि किसी भी संगठन द्वारा विदेशी फंड केवल एसबीआई, नई दिल्ली के डेडिकेटेड एफसीआरए खाते में प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन “ऐसे पंजीकरण के लिए दस्तावेज स्थानीय एसबीआई शाखा में जमा किए जा सकते हैं”.

Posted By: Pawan Singh

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