मोदी सरकार के ‘व्हाइट पेपर’ के जवाब में कांग्रेस का ‘ब्लैक पेपर’, लगाया 10 साल ‘अन्याय काल’ का आरोप
‘ब्लैक पेपर’ में कहा गया है कि मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अन्याय हुआ है. पार्टी ने आरोप लगाया, मोदी सरकार के 10 वर्षों के शासन ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है.
कांग्रेस ने व्हाइट पेपर (white paper ) के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ ‘ब्लैक पेपर’ जारी किया है. जिसमें 10 साल की विफलताओं को जनता के समक्ष उजागर करने की कोशिश की गई है. कांग्रेस ने इसके जरिए सरकार पर समाज के सभी वर्गों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया.
कांग्रेस ने ‘ब्लैक पेपर’ का नाम 10 साल, अन्याय काल दिया
कांग्रेस ने इस ‘ब्लैक पेपर’ में महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की दुर्दशा, महिलाओं की स्थिति और कई अन्य मुद्दों पर सरकार पर विफल रहने का आरोप लगाया है. उसने इसे 10 साल, अन्याय काल का नाम दिया है.
खरगे ने जारी किया ‘ब्लैक पेपर’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यह ‘ब्लैक पेपर’ जारी किया और कहा कि देश को आजाद कराने वाली कांग्रेस 2024 में देश को भाजपा के अन्याय के अंधकार से बाहर निकालेगी. कांग्रेस ने यह ‘ब्लैक पेपर’ ऐसे समय जारी किया है जब सरकार ने एनडीए के 10 साल के कार्यकाल पर एक ‘श्वेतपत्र’ लोकसभा में पेश किया.
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कांग्रेस ने मोदी सरकार पर लगाए कई गंभीर आरोप
‘ब्लैक पेपर’ में कहा गया है कि मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अन्याय हुआ है. पार्टी ने आरोप लगाया, मोदी सरकार के 10 वर्षों के शासन ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है, बेरोजगारी बढ़ गई है, देश के कृषि क्षेत्र को नष्ट कर दिया है. महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ गए हैं. सरकार ने देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ गंभीर अन्याय किया है. ‘ब्लैक पेपर’ में कहा गया है, मोदी सरकार महंगाई पर चुप है…पेट्रोल, डीजल और रोजमर्रा की जरूरी चीजों की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं.
कांग्रेस के ब्लैक पेपर पर बीजेपी का हमला
सदन में पेश हुए श्वेत पत्र पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, काले कारनामे करने वाले ब्लैक पेपर ही लाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के हित में 10 सालों तक इनके (कांग्रेस) काले कारनामों को उजागर नहीं किया कि देश का नुकसान ना हो. हमने देश हित में इनके काले कारनामे सामने नहीं रखे लेकिन अब लगता है कि देश की स्थिति मजबूत हुई है और देश को जानने का अधिकार है कि इन्होंने कैसे देश को डुबाने का काम किया था. ये जो श्वेत पत्र सरकार लाई है, इससे कांग्रेस के काले कारनामे दिखते हैं.
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यूपीए सरकार के खिलाफ मोदी सरकार ने पेश किया श्वेत पत्र
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले संसद के आखिरी सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने गुरुवार को पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के आर्थिक क्रियाकलापों की आलोचना करते हुए एक श्वेत पत्र पेश किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति पर एक ‘श्वेत पत्र’ संसद में पेश किया. इसमें कहा गया है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने अंधाधुंध राजस्व व्यय, बजट के अतिरिक्त उधारी और बैंकों के एनपीए के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था को पंगु बना दिया था. कुल 59 पृष्ठों वाले श्वेत पत्र में कहा गया है कि यूपीए शासन के 10 वर्षों में किए गए कई गलत फैसलों के कारण 2014 में भारतीय अर्थव्यवस्था दिशाहीन स्थिति में थी. ऐसे में मोदी सरकार पर चुनौतियों से निपटने और अर्थव्यवस्था में गति एवं आशावाद को बहाल करने की जिम्मेदारी आ गई.