राज्यों को अब रेमडेसिविर नहीं देगी मोदी सरकार, आपूर्ति के लिए कंपनियों से सीधा करना होगा सौदा
केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार अपने एक ट्वीट में कहा कि अब देश में पर्याप्त मात्रा में रेमडेसिविर उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि डिमांड की तुलना में सप्लाई काफी अधिक है. इसलिए हमने राज्यों को दिए जाने वाले रेमडेसिविर के आवंटन पर रोक लगाने का फैसला किया है.
नई दिल्ली : देश में कोरोना संक्रमण की दर में गिरावट आने के साथ ही केंद्र की मोदी सरकार ने राज्यों को वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए दी जाने एंटीवायरल मेडिसीन रेमडेसिविर के आवंटन पर रोक लगा दी है. केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से साफ-साफ कह दिया है कि वे अपनी जरूरत के हिसाब से रेमडेसिविर का उत्पादन करने वाली कंपनियों से इस दवा की खरीद कर सकते हैं.
केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार अपने एक ट्वीट में कहा कि अब देश में पर्याप्त मात्रा में रेमडेसिविर उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि डिमांड की तुलना में सप्लाई काफी अधिक है. इसलिए हमने राज्यों को दिए जाने वाले रेमडेसिविर के आवंटन पर रोक लगाने का फैसला किया है.
केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली इस दवा की सप्लाई में अच्छा सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि बीते 11 अप्रैल को जहां रेमडेसिविर की रोजाना 33,000 वायल की सप्लाई की जा रही थी, वहीं अब यह 10 गुना से अधिक बढ़कर 3,50,000 वायल रोजाना हो गई है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने एक महीने के अंदर रेमडेसिविर का उत्पादन करने वाली कंपनियों की संख्या 20 से बढ़ाकर 60 कर दी है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने इमरजेंसी स्टॉक के लिए रेमडेसिविर की 50 लाख वायल खरीदने का भी फैसला किया है.
राज्यों को भेजे गए विदेश से आए चिकित्सकीय सामान
उधर, खबर यह भी है कि दूसरी लहर के दौरान देश में कोरोना के मामले बढ़ने की वजह से सहायता के तौर पर दूसरे देशों से प्राप्त करीब 18,040 ऑक्सीजन सांद्रक, 19,085 ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसिविर की 7.7 लाख वायल को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा जा चुका है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को दी गई जानकारी के अनुसार, विदेश से कोरोना मरीजों के इलाज के लिए आने वाले इन चिकित्सकीय सामग्रियों की खेप राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बीते 27 अप्रैल से 28 मई के बीच भेजी जा चुकी है.
Posted by : Vishwat Sen