नई दिल्ली : दिवाली से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा गिफ्ट दिया है. अब देश में 2 से 18 साल के बच्चों को भी कोरोना रोधी वैक्सीन लग सकेंगी. इसके इमरजेंसी यूज के लिए सरकार की ओर से मंजूरी दे दी गई है. सरकार ने भारत बायोटेक के स्वदेशी टीका कोवैक्सीन को मंजूरी दी है. बच्चों को कोवैक्सीन की दो खुराक दी जाएगी.
बताया जा रहा है कि आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने मिलकर बच्चों की इस वैक्सीन को तैयार किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए जल्द ही नई गाइडलाइंस जारी की जाएगी. रिपोर्ट में यह बताया जा रहा है कि बच्चों को भी बड़ों की तरह कोवैक्सीन की दो खुराक दी जाएगी. अब तक हुए ट्रायल के दौरान इस वैक्सीन से बच्चों को कोई नुकसान नहीं हुआ है.
बता दें कि आईसीएमआर-एनआईवी की निदेशक ने सितंबर तक बच्चों का कोरोना टीका आने का दावा किया था, लेकिन दाम पर सहमति नहीं बनने के कारण ऐसा नहीं हो सका था. सरकार टीके के दाम में कमी चाहती है. अब देश में बच्चों के लिए कोरोना टीके को मंजूरी दे दी गई. बताया यह जा रहा है कि सबसे पहले उन बच्चों को कोरोना रोधी वैक्सीन लगाई जा सकती है, जो अस्थमा आदि बीमारी से ग्रस्त हैं.
सरकार की ओर से अक्टूबर के महीने में बच्चों को लगाए जाने के लिए स्वदेशी कोरोना टीका कोवैक्सीन को मंजूरी मिलने से देश के 40 करोड़ से अधिक बच्चों के लिए राहत की बात है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों को प्रभावित होने की आशंका सबसे अधिक जाहिर की जा रही है. शोधकर्ताओं की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि नवंबर-दिसंबर के महीने में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है.
राहत इस बात को लेकर भी महसूस की जा रही है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर शुरू होने के पहले 2 से 18 साल के बच्चों में कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण शुरू हो जाने से खतरा बहुत हद तक कम हो सकता है. देश-दुनिया के वैज्ञानिकों ने पहले ही सरकार को आगाह कर दिया था कि तीसरी लहर के दौरान बच्चों को बचाने के लिए उसे पहले ही ठोस कदम उठा लेना चाहिए.
हालांकि, देश-दुनिया के वैज्ञानिक कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के पहले भी सरकार को लगातार आगाह कर रहे थे. बावजूद इसके सरकार की ओर से समय रहते कारगर कदम नहीं उठाए जाने की वजह से भारी-जान माल का नुकसान उठाना पड़ा. दूसरी लहर के दौरान की तबाही से सबक लेते हुए सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर शुरू होने के पहले से ही ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए थे. इसके लिए उसने दूसरी लहर की रफ्तार घटने के साथ ही राज्य सरकारों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए थे.
केंद्र सरकार से निर्देश मिलने के बाद देश की राज्य सरकारों ने कोरोना की तीसरी लहर के दौरान वायरस से संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए पहले ही अपने यहां के अस्पतालों में अलग से शिशु वार्ड बनाना शुरू कर दिया. इसके साथ ही, राज्य सरकारों की ओर से इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गई.