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मोदी सरकार के 8 साल के कार्यकाल में देश के विभिन्न क्षेत्रों में हुआ है ऐतिहासिक काम, पढ़ें खास रिपोर्ट

मोदी सरकार से पहले गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य 1350 रुपये प्रति क्विंटल था, जो बढ़कर 2115 रुपये हो गया है. वहीं धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1310 रुपये प्रति क्विंटल था, जो बढ़कर 2040 रुपये हो गया. यानी पिछले 8 साल में न्यूनतम समर्थन मूल्य लगभग 67 फीसदी बढ़ा है.

By अंजनी कुमार | June 12, 2022 1:34 PM

केंद्र में मोदी सरकार के 8 साल पूरे हो चुके हैं. केंद्र सरकार और भाजपा दोनों 8 साल के दौरान किये गये काम को एक बड़ी उपलब्धि मानते हैं. मोदी सरकार के 8 साल के दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर, सामाजिक सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा, कृषि और अन्य क्षेत्रों में किये गये काम का तुलनात्मक अध्ययन कर भाजपा के थिंक टैंक ने बेमिसाल करार दिया है. थिंक टैंक लोक नीति शोध केंद्र ने ‘मोदी एट 8 : आत्मविश्वास से आत्मनिर्भरता’ नामक एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें मोदी सरकार के किये गये कामों का विश्लेषण किया गया है. यह रिपोर्ट देश भर में किये गये फील्ड वर्क, लोगों से बातचीत और शोध पर आधारित है, जिसमें जमीनी स्तर पर हो रहे विकास, तुलनात्मक अध्ययन और जनता से मिले फीडबैक को आधार बनाया गया है.

रिपोर्ट को तैयार करने वाले लोक नीति शोध केंद्र के डायरेक्टर सुमीत भसीन ने प्रभात खबर को बताया कि कृषि क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए मोदी सरकार ने सुधार, प्रयास और जरूरी कदमों को उठाकर दूर करने का प्रयास किया है. शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, आधारभूत संरचना के विकास आदि को लेकर आम जनता की सोच में फर्क आया है और वह मोदी सरकार के कामकाज को बेहतरीन मान रहे हैं. भसीन ने कहा कि यूपीए की दोनों सरकार के दौरान शिक्षा बजट 79451 करोड़ रुपये थी, जबकि मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में अब तक यह 1.04 लाख करोड़ हो गया है. यूपीए सरकार के दौरान देश में 387 मेडिकल कॉलेज थे, जो बढ़कर 596 हो गये हैं. जबकि यूपीए सरकार के समय में देश में 51348 एमबीबीएस सीट थी, जो बढ़कर 88120 हो गयी है.

मोदी सरकार से पहले गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य 1350 रुपये प्रति क्विंटल था, जो बढ़कर 2115 रुपये हो गया है. वहीं धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1310 रुपये प्रति क्विंटल था, जो बढ़कर 2040 रुपये हो गया. यानी पिछले 8 साल में न्यूनतम समर्थन मूल्य लगभग 67 फीसदी बढ़ा है. साथ ही वर्ष 2013-14 में कृषि बजट 21933 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 1.24 लाख करोड़ रुपये हो गया है. शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों के योगदान को देखते हुए उनके कौशल विकास प्रोग्राम पर जोर दिया. इसके तहत 1774528 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है.

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स्वास्थ्य क्षेत्र में भी मोदी सरकार के दौरान असाधारण काम किया गया है. सबसे पहले योग को वैश्विक पहचान दिलायी और इसे जनमानस तक पहुंचाने का प्रयास किया गया. कोरोना जैसे गंभीर संकट से निपटने के प्रयास की वैश्विक स्तर पर सराहना की गयी और दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया गया. एक दिन में 2.5 करोड़ लोगों को टीका लगाकर विश्व रिकॉर्ड बना. दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत के तहत लोगों को 5 लाख रुपये तक की मुफ्त चिकित्सा मुहैया कराया जा रहा है और इस योजना के तहत 50 करोड़ लोगों को लाभ मिला है. साथ ही 118623 हेल्थ वेलनेस सेंटर स्थापित किया गया है. मोदी सरकार से पहले देश का स्वास्थ्य बजट 37330 करोड़ रुपये था, जो अब 86606 करोड़ रुपये हो गया है. पहले देश में 9.38 लाख डॉक्टर थे और अब इसकी संख्या 13.01 लाख हो गयी है. यही नहीं मोदी सरकार के दौरान 14 एम्स के स्थापना की घोषणा की गयी, जबकि यूपीए सरकार के दौरान सिर्फ एक.

रिपोर्ट के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में पिछले 8 साल में ऐतिहासिक काम हुए है. कोरोना संकट के बावजूद वित्त वर्ष 2021 में 13 हजार किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण हुआ. वर्ष 2014 में जहां रोजाना 13 किलोमीटर सड़क का निर्माण होता था, वह बढ़कर 37 किलोमीटर हो गया. रेलवे के तीन जाेन पूरी तरह से इलेक्ट्रिफिकेशन हो चुका है. देश में बड़े पैमाने पर बंदरगाह और एयरपोर्ट का निर्माण किया गया है. बिजली से लेकर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम तेज गति से किया जा रहा है.

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