संसद के मानसून सत्र में सरकार ला सकती है समान नागरिक संहिता विधेयक! राजनीतिक गलियारों में बढ़ी हलचल
केन्द्र सरकार संसद के मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता ला सकती है. मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि सरकार इसी मानसून सत्र में यूसीसी बिल ला सकती है. समान नागरिक संहिता को लेकर राजनीतिक गलियारों में बीते काफी दिनों से चर्चा हो रही है.
केंद्र सरकार आने वाले मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता (UCC Bill) बिल सदन में पेश कर सकती है. आज तक न्यूज के हवाले खबर है कि संसद के मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता बिल लाने की तैयारी कर ली गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक समान नागरिक संहिता कानून संबंधी बिल संसदीय समिति को भी भेजा जा सकता है. वहीं, बिल को मानसून सत्र में पेश करने की अटकलों पर कांग्रेस और विपक्ष की ओर से कोई बयान नहीं आया है.
राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज
गौरतलब है कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का दौर काफी समय से जारी है. इस मुद्दे पर बहस भी चल रही है. हालांकि, कुछ राजनीतिक दलों का यूसीसी को समर्थन भी मिल रहा है. यूसीसी बिल को आम आदमी पार्टी ने समर्थन दिया है. हालांकि, AAP ने अभी इसे अपना सैद्धांतिक समर्थन ही दिया है. बिल को लेकर आम आदमी पार्टी ने कहा है कि सभी हितधारकों से व्यापक विचार-विमर्श के बाद आम सहमति से ही इसे लाया जाना चाहिए.
पीएम मोदी के बयान के बाद UCC पर शुरू हुआ बहस
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भोपाल में समान नागरिक संहिता की पुरजोर वकालत की थी. पीएम के बयान के बाद देशभर में इसकी चर्चा तेज हो गयी है. अपने बयान में पीएम मोदी ने कहा था कि हम देख रहे हैं यूसीसी के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है. एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो, दूसरे के लिए दूसरा, तो क्या वह परिवार चल पाएगा. फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा?
क्या है समान नागरिक संहिता कानून
समान नागरिक संहिता का जिक्र संविधान के अनुच्छेद 44 में किया गया है. समान नागरिक संहिता कानून के तहत भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए समान कानून होगा. समान नागरिक संहिता कानून में शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा. यह कानून एक पंथनिरपेक्ष कानून होगा, जो सभी धर्मों के लिए समान रूप से लागू होगा. फिलहाल देश में मुस्लिम, ईसाई और पारसी का पर्सनल ला लागू है. समान नागरिक संहिता कानून को लेकर काफी समय से बहस चल रही है. लेकिन इसे अब तक लागू नहीं किया जा सका है.